सीबीआई ने चावल निर्यात करने वाली दिल्ली की एक कंपनी के खिलाफ 1,200 करोड़ के घोटाले के मामले में एफआईआर दर्ज की है. सीबीआई को शक है कि कंपनी के निदेशक भारत छोड़ कर विदेश जा चुके हैं.
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एफआईआर अमीरा फूड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रोमोटर करण चानना और निदेशकों के खिलाफ दायर की गई है. आरोप है कि कंपनी ने 12 बैंकों से 1,200 करोड़ रुपयों से भी ज्यादा का कर्ज लिया और उसे चुकाया नहीं. मीडिया में आई खबरों के अनुसार अमीरा की स्थापना 1993 में हुई थी और वो तबसे उच्च कोटि के बासमती चावल, दूसरे किस्म के चावल और अन्य कृषि उत्पादों के निर्यात का व्यापार कर रही थी.
2009 में उसने 12 बैंकों के एक समूह से ऋण लेना शुरू किया. इनमें कनारा बैंक, पीएनबी, स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीबाई बैंक के अलावा और भी बैंक शामिल हैं. कुछ सालों पहले बैंकों के फॉरेंसिक ऑडिट में पता चला कि कंपनी ने कुछ शेल कंपनियों के नाम पर करीब 734 करोड़ रुपयों की फर्जी लेनदेन की है. 2015 से 2018 के बीच कंपनी द्वारा विदेशी मुद्रा में भी फर्जी लेनदेन करने की शिकायत की गई है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार फॉरेंसिक ऑडिट में पाया गया था कि अमीरा इंडिया अमीरा मॉरिशस की नियंत्रित कंपनी है और अमीरा मॉरिशस का नियंत्रण है अमीरा नेचर फूड्स के पास, जो ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में पंजीकृत है. कंपनी का मुख्यालय दुबई में है.
कंपनी के मुख्य प्रोमोटर करण चानना भारत से बाहर ही रहते हैं, लेकिन प्रबंधक निदेशक राजेश अरोड़ा, अन्य निदेशक अपर्णा पूरी और जवाहर कपूर, पूर्व निदेशक अनीता डियेंग और फाइनांस प्रमुख अक्षय श्रीवास्तव भारत में इसका परिचलान देख रहे थे. मीडिया रिपोर्टों में ही दावा किया गया है कि जब सीबीआई ने इनके ठिकानों पर रेड की तो वो हाथ नहीं आए. वो अभी भी लापता हैं और एजेंसी को शक है कि सभी आरोपी भारत छोड़ कर विदेश जा चुके हैं.
दिलचस्प बात यह है कि बैंकों ने इस कंपनी के खातों को 2016 और 2017 में ही एनपीए (वो लोन जिन्हें चुकाया ना गया हो) की श्रेणी में डाल दिया था, लेकिन सीबीआई से शिकायत 2020 में ही की गई. 2018 में बैंकों के इस समूह ने आरोपियों के खिलाफ डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में भी शिकायत की थी. इस बीच, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने भी कंपनी के निदेशकों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिए हैं.
आरबीआई ने बताया कि बीते 11 वित्तीय वर्षों में सामने आए धोखाधड़ी के 53,334 मामलों में बैंकों को 2050 अरब रुपये का चूना लगा. सबसे ज्यादा धोखाधड़ी आईसीआईसीआई बैंक के साथ हुई लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब नेशनल बैंक को हुआ.
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Paranjpe
आईसीआईसीआई बैंक
आईसीआईसीआई बैंक में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा 6,811 मामले सामने आए, जिसके सहारे 50 अरब रुपये की चपत लगाई गई.
तस्वीर: Getty Images/AFP//T. Clary
भारतीय स्टेट बैंक
भारत के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक में धोखाधड़ी के 6,793 मामले सामने आए, जिसके सहारे उसे 237 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Reuters/R.D. Chowdhuri
एचडीएफसी बैंक
एचडीएफसी बैंक में धोखाधड़ी के 2,497 मामले सामने आए. बैंक को 12 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Reuters/J. Dey
बैंक ऑफ बड़ौदा
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2,160 धोखाधड़ी के मामलों की रिपोर्ट की. इसमें 129 अरब रुपये की हेराफेरी की गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Nath
पंजाब नेशनल बैंक
एचडीएफसी बैंक में धोखाधड़ी के 2,047 मामले सामने आए. बैंक को 287 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Qadri
एक्सिस बैंक
एक्सिस बैंक में धोखाधड़ी के 1,944 मामले दर्ज किए गए. बैंक को 53 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,872 मामले दर्ज किए गए. बैंक से 123 अरब रुपये हड़पने की कोशिश की गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Kakade
सिंडिकेट बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
सिंडिकेट बैंक में धोखाधड़ी के 1,783 मामले दर्ज किए गए. बैंक के 58 अरब रुपये हड़पने की कोशिश की गई. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,613 मामले सामने आए. इसकी कुल रकम 90 अरब रुपये है.
तस्वीर: UNI India
आईडीबीआई और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक
आईडीबीआई में 59 अरब रुपये के 1.264 मामले और स्टैंडर्ड चाटर्ड बैंक में 12 अरब रुपये के 1,263 धोखाधड़ी के मामले सामने आए.
तस्वीर: Imago/Hindustan Times/R. K. Raj
केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक
केनरा बैंक में 55 अरब के 1,254 मामले, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 118 अरब रुपये के 1,244 और कोटक महिंद्रा में 4 अरब के 1,213 मामले सामने आए.
तस्वीर: DIBYANGSHU SARKAR/AFP/Getty Images
ये भी हुए शिकार
इंडियन ओवरसीज बैंक में 1,115 मामले, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 1040, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में 944, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में 395, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में 386, पंजाब एंड सिंध बैंक में 276 मामले दर्ज किए गए.
तस्वीर: Reuters/A. Verma
यहां भी धोखाधड़ी
यूको बैंक में 1081, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड में 261 और लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड में धोखाधड़ी के 259 मामले सामने आए.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Qadri
विदेशी बैंक के साथ भी धोखाधड़ी
अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्पोरेशन, सिटी बैंक, एचएसबीसी लिमिटेड और रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड पीएलसी के साथ भी धोखाधड़ी के मामले सामने आए. (रिपोर्ट-रवि रंजन)