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महाराष्ट्र में बनी है करोड़पतियों की कैबिनेट

चारु कार्तिकेय
३ जनवरी २०२०

महाराष्ट्र के नए मंत्रिमंडल के लगभग सभी सदस्य करोड़पति हैं. साथ ही 64 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. हालांकि पिछली कैबिनेट के भी इतने ही मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले थे.

Indien Mumbai Vereidigung Maharashtras neuer Ministerpräsident Uddhav Thackeray
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/H. Bhatt

महाराष्ट्र में लंबी खींचतान के बाद सरकार तो बन गई, पर नई सरकार में जो मंत्री बने हैं आखिर उनकी पृष्ठभूमि कैसी है? यही जानने के लिए चुनावी सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने उनके चुनावी हलफनामों की समीक्षा की. जो तथ्य सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं.

आपराधिक मामले

नए मंत्रियों की वित्तीय, शैक्षणिक और आपराधिक पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट के 43 सदस्यों में से 42 के ही हलफनामे मौजूद हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कोई भी हलफनामा उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि उन्होंने आज तक कोई चुनाव नहीं लड़ा. 

ठाकरे को छोड़ कर 42 मंत्रियों के हलफनामों से पता चलता है कि उनमें से 27 मंत्रियों, यानी मंत्रिमंडल के 64 प्रतिशत सदस्यों, के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. यही नहीं, इनमें से 18, यानी मंत्रिमंडल के 43 प्रतिशत सदस्यों, के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 

2014 के मंत्रिमंडल से तुलना करने पर नजर आता है कि सरकार और सत्तारूढ़ गठबंधन जरूर नया है लेकिन आपराधिक पृष्ठभूमि वाले मंत्रियों के मामले में स्थिति वैसी की वैसी है. 2014 में भी मंत्रिमंडल के 64 प्रतिशत सदस्य ऐसे थे जिनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे.

तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Qadri

करोड़पतियों की कैबिनेट

आपराधिक पृष्ठभूमि के अलावा महाराष्ट्र कैबिनेट के मंत्रियों की वित्तीय पृष्ठभूमि देखने पर पता चलता कि 2014 के मुकाबले 2019 के मंत्रिमंडल के सदस्यों की वित्तीय पृष्ठभूमि जरूर बदल गई है. जहां 2014 में मंत्रिमंडल में शामिल 82 प्रतिशत मंत्री करोड़पति थे, वहीं 2019 में करोड़पति मंत्रियों की संख्या बढ़कर 98 प्रतिशत, यानी 41, हो गई है. यानी नई महाराष्ट्र सरकार में लगभग हर मंत्री करोड़पति है. ध्यान देने लायक बात यह भी है कि महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति आय सालाना दो लाख रुपये से भी कम है.

करोड़पति मंत्रियों की घोषित संपत्ति का विस्तृत विवरण देखने पर सामने आता है कि मंत्रियों की औसत संपत्ति है लगभग 22 करोड़ रुपये. 2014 में मंत्रिमंडल के सदस्यों की औसत संपत्ति इससे आधी से भी काम, यानी 10.35 करोड़ रुपये, थी.

सबसे ज्यादा संपत्ति वाले मंत्रियों में शामिल हैं कांग्रेस के विश्वजीत पतंगराव कदम, कुल 216 करोड़ की संपत्ति के साथ; एनसीपी के अजित पवार, 75 करोड़ की संपत्ति के साथ; और राजेशभइया टोपे, 53 करोड़ संपत्ति के साथ. 

इनमें से अजित पवार और विश्वजीत पतंगराव कदम सालाना आय में भी सबसे आगे हैं. अजित पवार ने अपनी पारिवारिक कुल सालाना आय तीन करोड़ रुपये दिखाई है. इतनी ही आय दिखाई है कांग्रेस के अमित देशमुख ने. विश्वजीत पतंगराव कदम ने दो करोड़ रुपये सालाना आय दिखाई है.

तस्वीर: Getty Images

कितने पढ़े, कितनी महिलाएं

मंत्रिमंडल की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी दिलचस्प है. इनमें से 18 मंत्री, यानी कि मंत्रिमंडल के 43 प्रतिशत सदस्य, आठवीं कक्षा से ले कर बारहवीं कक्षा तक पढ़े हैं. वहीं 22 मंत्रियों (यानि 52 प्रतिशत) ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता दिखाई है. 

उम्र और लिंग की समीक्षा करें तो मंत्रिमंडल में 25 से 50 वर्ष की आयु के युवा सदस्य सिर्फ 40 प्रतिशत (17) हैं. वहीं 60 प्रतिशत मंत्रियों (25) की उम्र 51 से 80 साल के बीच में है. मंत्रिमंडल में लैंगिक असंतुलन भी स्पष्ट है. 42 मंत्रियों में से केवल 3 ही महिला मंत्री हैं.

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