महिलाओं के लिए कराटे
२३ मार्च २०१३महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में यह राज्य पूरे देश में अव्वल है. अब राज्य सरकार ने युवतियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना शुरू किया है और कई दूसरे संगठन भी इस मामले में आगे आए हैं. यही नहीं, सरकार अब स्कूलों में भी कराटे का प्रशिक्षण शुरू करने पर विचार कर रही है.
कराटे प्रशिक्षण शिविर
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में खेल व युवा कल्याण मंत्री मदन मित्र ने इसी सप्ताह एक कराटे प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया. इंडियन कराटे एसोसिएशन की पहल पर आयोजित इस पहले शिविर में बड़ी तादाद में युवितयां हिस्सा ले रही हैं. खास बात यह है कि इनमें अल्पसंख्यक तबके की युवतियों की भी अच्छी-खासी तादाद है. राज्य सरकार भी इस शिविर के आयोजन में सहायता दे रही है. एसोसिएशन ने शुरुआती दौर में 50 हजार महिलाओं को मुफ्त में यह प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है. मंत्री मदन मित्र कहते हैं, "सरकार इन शिविरों के आयोजन में हर संभव सहायता करेगी.
राज्य सरकार ने भी स्कूलों में ऐसा प्रशिक्षण शुरू करने की योजना बनाई है. इसमें भी एसोसिएशन की सहायता ली जाएगी." विश्व कराटे चैंपियन रहे एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रोफेसर एमए अली कहते हैं, "जल्दी ही महानगर समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में ऐसे शिविरों का आयोजन किया जाएगा. हमारा मकसद इन महिलाओं को आत्मरक्षा का प्राथमिक प्रशिक्षण देना है ताकि आपात स्थिति में वह खुद अपनी रक्षा कर सकें." कोलकाता नगर निगम की डिप्टी मेयर फरजाना आलम, जो स्थानीय पार्षद भी हैं, कहती हैं, "देश और समाज के विकास में महिलाओं की भूमिका काफी अहम है. आज की नारी जब किसी बात के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं हैं तो अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों का मुंह क्यों देखे." वह कहती हैं कि महिलाओं को अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी. ऐसे में उनके खिलाफ बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकता है.
अपनी सुरक्षा की फिक्र
शिविर में प्रशिक्षण ले रही 18 साल की परवीन कहती हैं, "कराटे के प्रशिक्षण से मेरा आत्मविश्वास बढ़ेगा. हमें कॉलेज आते-जाते मनचलों की छेड़छाड़ का शिकार होना पड़ता है. लेकिन कराटे सीखने के बाद हम जरूरत पड़ने पर उनको सबक सिखा सकते हैं." शिविर में आई संयुक्ता मंडल कहती हैं, "किसी भी मनचले को जब यह पता चलेगा कि अमुक युवती कराटे जानती है तो वह कुछ भी करने से पहले सौ बार सोचेगा. इस शिविर में प्रशिक्षण की जानकारी मोहल्ले के अलावा कालेज के सहयोगियों को भी है. लिहाजा वहां के युवक कोई ऐसी-वैसी हरकत नहीं करेंगे." संयुक्ता की कई सहेलियां भी इस शिविर में प्रशिक्षण रही हैं. एक हफ्ते के इस प्रशिक्षण के दौरान इन युवतियों को छेड़छाड़ और हमले की स्थिति में निपटने के फौरी तरीके बताए जा रहे हैं.
स्कूलों में भी देंगे प्रशिक्षण
राज्य सरकार प्रदेश के तमाम सरकारी स्कूलों में लड़कियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देने पर विचार कर रही है. महिला और सामाजिक कल्याण मंत्री सावित्री मित्र कहती हैं, "मैंने शिक्षा मंत्री को इन स्कूलों में पांचवीं कक्षा से ही आत्मरक्षा के लिए जूडो-कराटे के प्रशिक्षण की कक्षा शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. इससे छात्राएं अपनी रक्षा खुद करने में सक्षम होंगी." दूसरी ओर, खेल मंत्रालय भी 16 साल से ज्यादा उम्र वाली युवतियों के लिए कराटे का एक क्रैश कोर्स का आयोजन कर रही है. आत्मरक्षा नामक इस पांच-दिवसीय कोर्स के तहत युवतियों को आपात स्थिति में यौन हमलों और छेड़छाड़ से निपटने के गुर सिखाए जा रहे हैं. युवतियों को यह प्रशिक्षण देने वाले मार्शल आर्ट इंडिया के शिवजय गांगुली कहते हैं, "इसके तहत युवतियों को सड़कों खासकर सूनान इलाकों में अकेले चलते समय सतर्क रहने के तरीके बताए जाते हैं. इसके अलावा उनको छेड़छाड़ करने वालों पर तेजी से वार करने के तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है. युवतियों को सिखाया जाता है कि वह कलम को भी हथियार के तौर पर कैसे इस्तेमाल कर सकती हैं."
बढ़ते अपराध
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामनसले में बंगाल पूरे देश में अव्वल है. हालांकि राज्य सरकार को ब्यूरो के आंकड़ों पर आपत्ति है. लेकिन हकीकत यह है कि राजधानी कोलकाता समेत आसपास के इलाकों में बलात्कार, यौन हिंसा व छेड़छाड़ की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं. नए साल के पहले दो महीनों के दौरान ही विभिन्न थानों में ऐसे सौ से ज्यादा मानले दर्ज किए गए हैं.
प्रभाकर, कोलकाता