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महिलाओं को कम वेतन देने वालों को जुर्माना

१२ सितम्बर २०१०

तनख्वाह देने में औरत मर्द का भेदभाव करने वालों की खैर नहीं. फ्रांस सरकार ने फैसला किया है उन कंपनियों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा, जो एक ही तरह के काम के लिए महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम वेतन देती हैं.

तस्वीर: picture-alliance/ dpa

फ्रांसीसी सरकार ने बताया कि इस सिलसिले में पेंशन नियमों में बदलाव किया जा रहा है. देश के श्रम मंत्री एरिक वोएर्थ देश में सुधार कार्यक्रमों में लगे हैं. उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा वर्षों तक काम करने की वजह से उनके साथ भेदभाव किया जाता है.

तस्वीर: AP

श्रम मंत्री का कहना है कि महिलाओं को मां बनने के दौरान मिलने वाली छुट्टी के बदले दो साल ज्यादा काम करना पड़ सकता है. उनका कहना है, "समस्या उनकी कार्यावधि नहीं है, बल्कि उन्हें मिलने वाली कम तनख्वाह है. कई जगहों पर महिलाओं की तनख्वाह एक ही तरह का काम करने के बाद भी पुरुषों से कम है. यह हमारे लोकतंत्र और सामाजिक ढांचे की बेइज्जती है."

मंत्री ने बताया, "हमने उन कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाने का फैसला किया है, जो पुरुषों और महिलाओं की तनख्वाह में भेदभाव करते हैं." यूरोप के कई देशों में एक ही तरह के काम के लिए महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कम वेतन मिलता है.

लेबर यूनियनों का कहना है कि सरकार ऐसी बातें करके उनके विरोध प्रदर्शन को कम करने की कोशिश कर रही है. सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से बढ़ा कर 62 साल कर दी है और इसके खिलाफ फ्रांस में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

सरकार का कहना है कि अगर रिटायरमेंट की उम्र नहीं बढ़ाई गई तो 2020 तक सरकार को हर साल 45 अरब यूरो का नुकसान होगा. फ्रांसीसी यूनियन ने मंगलवार को इसके विरोध में प्रदर्शन किया और वे 27 सितंबर को फिर प्रदर्शन करना चाहते हैं. हालांकि राष्ट्रपति निकोला सारकोजी पेंशन की उम्र पर दोबारा विचार करने के मू़ड में नहीं हैं.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः एन रंजन

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