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महिला अधिकारों पर नेपाल से सीख लें सार्क देश

८ जुलाई २०११

संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशियाई देशों को नेपाल से सीख लेनी चाहिए कि महिला अधिकारों को ले कर कैसे आगे बढ़ा जा सकता है.

Nepalese walk through a remote village near Chautara, Nepal, Thursday, April 27, 2006. Nepal, a nation of farmers, has seen little change in hundreds of years and last week when riots and demonstrations swept through the country most farmers in the Chautara area ignored the call to demonstrate. (AP Photo/David Longstreath)
तस्वीर: AP

'विश्व में महिलाओं की उनती: इन्साफ की तलाश में' नाम की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्क देशों में केवल नेपाल और भूटान ही ऐसे देश हैं जहां पत्नी से जबरदस्ती सेक्स को स्पष्ट रूप से आपराधिक माना गया है. इसके अलावा भारत समेत नेपाल उन तीन देशों में से है जहां घरेलू हिंसा को अपराध के रूप में देखा जाता है. नई दिल्ली में प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट में कहा गया है, "नेपाल का उदाहरण दिखाता है कि कानून नए मानक लाकर समाज को नए रूप में ढाल सकता है और समाज में बड़े बदलाव ला सकता है"

तस्वीर: DW/Bijoyeta Das

रिपोर्ट में नेपाल के उस कानूनी प्रावधान का भी जिक्र किया गया है जिसके रहते सरकारी क्षेत्र में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण है. रिपोर्ट में इसकी तुलना भारत से की गई है, जहां संसद में केवल 11 प्रतिशत ही महिलाएं हैं. भारत में लम्बे समय से महिला आरक्षण पर बहस होती आई है, लेकिन अभी तक इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है.

सार्क देशों में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान और मालदीव आते हैं. पिछले महीने जारी की गई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया था कि महिलाओं के लिए दुनिया के सबसे खतरनाक पांच देशों में तीन अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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