महिला हिंसा के खिलाफ आवाज उठाती महिलाओं पर ही बरसी पुलिस
९ दिसम्बर २०१९![Türkei Protest gegen Gewalt gegenüber Frauen in Istanbul](https://static.dw.com/image/51583693_800.webp)
सैकड़ों महिलाएं तुर्की के इस्तांबुल शहर के कादीकोए इलाके में रविवार को विरोध प्रदर्शन के लिए इकट्ठा हुईं थीं. ये महिलाएं "रेपिस्ट इन योर पाथ" नाम का आयोजन कर रही थी. इस कार्यक्रम के तहत महिला साथ मिलकर गीत के जरिए महिलावादी संदेश दे रही थीं. महिलाओं का कहना है कि पुरुषों द्वारा हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें सजा दी गई.
दक्षिण अमेरिकी देश चिली के सांतियागो में भी एक समूह ने पिछले दिनों ऐसा ही आयोजन किया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया था. महिलाएं उसी के तर्ज पर तुर्की में अपना आयोजन कर रही थीं. वे गीतों के जरिए महिला हिंसा के खिलाफ सरकार की अपर्याप्त कार्रवाई की बात उठा रही थीं. महिलाएं जो गीत गा रही थी उसमें एक पंक्ति थी, "तुम बलात्कारी हो", इसके जरिए इस धारणा को खारिज करने की कोशिश थी कि जब महिलाओं के साथ बलात्कार होता है तो उसके लिए पीड़िता को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है. चिली में इस तरह के आयोजन का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मैक्सिको, बगोटा, न्यू यॉर्क, मैड्रिड, पेरिस और दिल्ली में महिलाओं ने ऐसा ही गीत गाकर महिला हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया.
इस्तांबुल पुलिस ने महिला प्रदर्शनकारियों की रैली को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले के साथ जवान तैनात किए थे, पुलिस ने कुछ महिलाओं को गिरफ्तार भी किया है. गिरफ्तार लोगों में तुर्की की महिलावादी समूह "वी विल स्टॉप फेमिसाइड प्लेटफार्म " की नेता फिदान अतासलीम भी शामिल हैं.
ईएफई न्यूज एजेंसी के मुताबिक महिला प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही तुर्की भाषा में गाना गाकर विरोध जताया पुलिस ने उनका मेगाफोन जब्त कर लिया. ईएफई को एक महिला प्रदर्शनकारी ने बताया, "हम यहां मर्दों द्वारा अपराध के खिलाफ आवाज उठाने आए थे लेकिन उन्होंने हमारे ऊपर ही हमला कर दिया." स्पेनी भाषा में भी महिलाएं अपना एक कार्यक्रम पेश करने वाली थीं लेकिन पुलिस और प्रशासन ने महिलाओं को वहां से खदेड़ दिया.
तुर्की में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले बड़े पैमाने पर हो रहे हैं. महिला अधिकार संगठनों का कहना है कि तुर्की सरकार इससे निपटने में नाकाम रही है. साथ ही उनका आरोप है कि सरकार रूढ़िवादी विचार थोपना चाहती है जिससे महिलाओं पर दमन बढ़ रहा है. संगठन "वी विल स्टॉप फेमिसाइड प्लेटफार्म" के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल तुर्की में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में 440 महिलाओं की हत्या कर दी गई, जिनमें से एक चौथाई से ज्यादा मामलों में हत्यारे इन महिलाओं के पति थे.
भारत में भी महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2017 में औसतन हर दिन बलात्कार के 90 मामले सामने आए. दिल्ली में यौन हिंसा की घटनाओं को देखते हुए सैकड़ों महिलाओं ने कुछ दिन पहले 'स्टेप आउट एट नाइट' कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में भी नाच और गाने के कई कार्यक्रम हुए और लैंगिक समानता को थीम बना कर कई खेलों का आयोजन हुआ.
एए/आरपी (डीपीए)
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