माओवादी बंधक कांड समाप्त
६ सितम्बर २०१०सब-इंसपेक्टर अभय प्रसाद यादव, सब-इंसपेक्टर रूपेश कुमार सिंहा और हवलदार एहसान खान को लखी सराय जिले में चानन कजरा जंगल की सीमा पर सिमरा रारी में छोड़ा गया. इसी जगह पर शुक्रवार सुबह चौथे बंधक एएसआई लुकास टेटे की गोलियों से छलनी लाश मिली थी.
माओवादियों ने कजरा पुलिस स्टेशन के इलाके में एक मुठभेड़ के बाद 29 अगस्त को 4 पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया था. मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी मारे गए थे. बाद में माओवादियों ने बंधक बनाए गए लुकास टेटे को मार दिया था. लाश के साथ मिली पर्ची में माओवादियों ने अपने 8 साथियों को जेल से नहीं छोड़े जाने पर बाकी बंधकों को भी मारने की धमकी दी थी.
बिहार के पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने बंधकों की रिहाई के बाद कहा, "माओवादियों ने पुलिस द्वारा उनके भागने के सभी रास्तों को सील किए जाने के बाद तीनों बंधक पुलिसकर्मियों को रिहा कर दिया है."
रिहा किए जाने के बाद तीनों पुलिसकर्मियों को एसपी रंजीत कुमार मिश्रा लखीसराय टाउन पुलिस स्टेशन ले गए. पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि इस बीच तीनों पुलिसकर्मी अपने घर चले गए हैं.
इस बीच आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि माओवादियों ने बंधक पुलिसकर्मियों को मानवीय आधार पर छोड़ा है और उन्हें छुड़ाने का श्रेय सरकार नहीं ले सकती.
रिपोर्ट पीटीआई/महेश झा
संपादन: उ भट्टाचार्य