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माओवादी हमलों से तबाह हो रही है बच्चों की शिक्षा

९ दिसम्बर २००९

मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वाच ने कहा है कि भारतीय सुरक्षा बलों और माओवादी विद्रोहियों के बीच संघर्ष में दसियों हज़ार बच्चों की स्कूली शिक्षा तबाह हो रही है.

शिक्षा से वंचिततस्वीर: picture-alliance/Mark Henley/Impact Photos

अमेरिकी मानवाधिकार ग्रुप की शिकायत से पहले माओवादियों ने मंगलवार को झारखंड में एक स्कूल को निशाना बनाया था और पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल में एक शिक्षक का सर काट दिया था. ह्यूमन राइट्स वाच ने एक रिपोर्ट में कहा है कि माओवादी नियमित रूप से स्कूली इमारतों को नष्ट कर रहे हैं. उसने वामपंथी विद्रोहियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई कर रहे सुरक्षा बलों पर स्कूलों का इस्लेमाल रहने के लिए करने का आरोप लगाया है.

तस्वीर: UNICEF India/Sandip Biswas

मानवाधिकार संस्था के शोधकर्ता बेडे शेपर्ड कहते हैं, "माओवादियों का कहना है कि वे भारत के ग़रीबों के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन स्कूलों पर उनके हमलों से बच्चे अपने लिए आवश्यक शिक्षा से वंचित हो रहे हैं." ह्यूमन राइट्स वाच का आरोप है कि सुरक्षा बलों के लम्बे समय तक स्कूलों में रहना बच्चों को ख़तरों के बीच लाता है और उन्हें डरा कर क्लासरूम से दूर करता है.

1967 में किसान आंदोलन के साथ शुरू हुआ माओवादी विद्रोह इस बीच भारत के 28 में से 20 राज्यों में फैल गया है. झारखंड की शिक्षा सचिव मृदुला सिंहा कहती हैं, "प्राइमरी स्कूल हमलों के आसान लक्ष्य बन गए हैं, क्योंकि वे हर गांव में हैं."

रिपोर्ट: एएफ़पी/महेश झा

संपादन: ए जमाल

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