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माक्रों ने की "यूरोपीय पुर्नजागरण" की अपील

६ मार्च २०१९

अमेरिका से अनबन और चीन की बढ़ती ताकत, यूरोप इन चुनौतियों से कैसे निपटेगा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने यूरोपीय संघ को मजबूत बनाने के लिए कई सुझाव दिए हैं.

Weltmacron
तस्वीर: Bodo Zemke

फ्रांस में लंबे समय से जारी यलो वेस्ट प्रदर्शन के कारण आलोचना झेल रहे देश के राष्ट्रपति इमानुएल मार्कों ने मंगलवार को यूरोप के हर देश के प्रमुख अखबार के लिए लेख लिखा. लेख को उन्होंने "यूरोपीय पुर्नजागरण" नाम दिया.

यूरोपीय संघ में सुधारों की पुरजोर वकालत करते हुए फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि घृणा भरे बयानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने यूरोपीय संघ की सीमाओं और आप्रवासन के मामलों में मजबूत नियंत्रण का पक्ष लिया. इनके साथ ही माक्रों ने न्यूनतम यूरोपीय मजदूरी का विचार भी रखा. जर्मनी के ज्यादातर राजनेता न्यूनतम मजदूरी के विचार से खुश हैं.

माक्रों के सुझाव

  • यूरोप के लोकतंत्रों और उनकी चुनाव प्रक्रिया को साइबर अटैक और फेक न्यूज से बचाने के लिए एक नई एजेंसी का निर्माण. ऐसी एजेंसी जो राजनीतिक पार्टियों के विदेशी चंदे पर प्रतिबंध लगाएगी. साथ ही इंटरनेट से घृणा भरी और हिंसक भाषा हटाएगी.
  • पासपोर्ट मुक्त शेंगेन एरिया के लिए व्यापक सुधार. ज्वाइंट बॉर्डर पुलिस फोर्स और यूरोपीय शरण ऑफिस की निर्माण.
  • यूरोपीय संघ के बाहरी बॉर्डरों पर सख्त नियंत्रण और आप्रवासियों के लिए साझा शरण नीति.
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की अमेरिका फर्स्ट नीतियों के प्रति एक उन्हीं के जैसी एप्रोच और यूरोप के रणनीतिक हितों को खतरा पहुंचाने वाली कंपनियों पर प्रतिबंध.
  • पर्यावरण संरक्षण, टैक्स से बचने और डाटा प्रोटेक्शन के मामले में यूरोपीय नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर जुर्माना या प्रतिबंध.
  • सतत और टिकाऊ जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय क्लाइमेट बैंक का निर्माण. इसके वित्तीय लेन देन से ईको फ्रेंडली उपायों को बढ़ावा दिया जाएगा.
  • सारे यूरोपीय कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा, जिसमें हर देश द्वारा स्वीकार किया गया न्यूनतम वेतन भी शामिल हो.
  • हर देश को साल के अंत में कॉन्फ्रेंस फॉर यूरोप में भाग लेना चाहिए और यूरोपीय संघ के राजनीतिक सिस्टम को गहराई तक बदलने वाले सुझाव देने चाहिए. इसके जरिए यूरोपीय नागरिकों से अति दक्षिणपंथी पार्टियों का समर्थन न करने की अपील भी होनी चाहिए.
  • ब्रेक्जिट के बाद एक बार फिर ब्रिटेन यूरोप में अपनी जगह हासिल कर लेगा.
  • एक नई यूरोपीय डिफेंस और सिक्योरिटी संधि, जो नाटो के साथ समन्वय में ईयू सदस्यों की जिम्मेदारी स्पष्ट करे.
जर्मनी की ज्यादातर पार्टियों ने माक्रों के सुझावों का स्वागत कियातस्वीर: Reuters/G. Fuentes

जर्मनी की प्रतिक्रिया

फ्रांसीसी राष्ट्रपति के यूरोपीय संघ से जुड़े सुझावों का जर्मनी ने भी स्वागत किया है. जर्मन सरकार के प्रवक्ता ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "मई में होने वाले यूरोपीय संघ के चुनावों से पहले यह जरूरी है यूरोपीय संघ की समर्थक ताकतें अपने विचार पेश करें. जर्मन सरकार यूरोपीय संघ की आगामी दिशा के बारे में जीवंत बहस का समर्थन करती है."

जर्मन सरकार में शामिल गठबंधन पार्टी एसपीडी (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी) की काटारीना बारले यूरोपीय संघ का चुनाव लड़ने जा रही हैं. बारले ब्रिटेन और जर्मनी की नागरिक हैं. माक्रों के लेख की तारीफ करते हुए उन्होंने फ्रेंच भाषा में ट्वीट किया, "डियर इमानुए माक्रों, आपकी पहल के लिए शुक्रिया. हम सबको यूरोपियंस की तरह साथ आने की और यूरोप को मजबूत करने की जरूरत है."

जर्मनी की मध्य दक्षिणपंथी पार्टी फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी (एफडीपी) की मुख्य उम्मीदवार निकोला बीयर ने भी फ्रांसीसी राष्ट्रपति के सुझावों का समर्थन किया.

लेकिन माक्रों के सुझाव जर्मनी की धुर दक्षिणपंथी पार्टी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) के गले नहीं उतरे. एएफडी यूरोपीय संघ को ज्यादा ताकत दिए जाने की विरोधी है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति के सुझावों पर आपत्ति जताते हुए एएफडी के उप प्रमुख आलेक्जांडर गाउलांड ने ट्वीट किया, "यूरोप को राष्ट्रवादियों से नहीं बल्कि नियंत्रण और ब्यूरोक्रेसी के लिए अधीर यूरोपीय संघ के जुनून से खतरा है."

जेफर्सन चेज/ओएसजे

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