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मायावती ने नई जमीन अधिग्रहण नीति पेश की

३ जून २०११

उत्तर प्रदेश में जमीन अधिग्रहण की नई नीति की घोषणा करने के बाद मुख्यमंत्री मायावती ने किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों की जांच का आदेश दिया है. जांच एक हफ्ते में पूरी होगी और निर्दोष किसानों के खिलाफ मामले वापस होंगे.

तस्वीर: DW

मुख्यमंत्री मायावती का कहना है कि नई अधिग्रहण नीति तत्काल प्रभाव से लागू की जाएगी. इस नीति के तहत जमीन खरीदने के लिए कंपनी किसानों से सीधे संपर्क कर सकेंगी और सरकार की भूमिका इस प्रक्रिया को सरल बनाने की होगी. मायावती का कहना है कि किसी इलाके में जमीन तभी अधिग्रहित की जा सकती है जब वहां के करीब 70 फीसदी किसान सहमत हों. अगर ऐसा नहीं होता तो फिर परियोजना की समीक्षा की जाएगी.

विपक्षी पार्टियों समाजवादी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस ने इसे बड़ा धोखा करार दिया है. विपक्ष का कहना है कि अपनी जमीन के बदले बेहतर मुआवजे की मांग कर रहे किसानों को भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं मायावती ने कुछ दिन पहले जमीन अधिग्रहण के मुद्दे पर हुई हिंसा के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया. मायावती ने कहा कि केंद्र पर मौजूदा कानून बदलने का दबाव डालने के बजाए उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों ने नाटक किया और कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी कर दी.

नई नीति.. किसके लिएतस्वीर: AP

लखनऊ में मायावती ने किसान पंचायत में भट्टा पारसौल के किसानों को भरोसा दिया कि उनकी सरकार उन्हें पूरा मुआवजा देगी. भट्टा पारसौल में जमीन अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर किसानों ने प्रदर्शन किया जिसके बाद पुलिस से झड़पें हुईं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गांव जाकर लाशों के ढेर होने का बयान दिया जिसके बाद सनसनी फैल गई. लेकिन उसके बाद से यह मामला शांत है.

मायावती ने प्रशासन को भट्टा पारसौल मामले की जांच का आदेश दिया है और यह जांच एक हफ्ते के भीतर पूरी होनी है. मुख्यमंत्री के मुताबिक जो किसान निर्दोष पाए जाएंगे उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस ले लिया जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम

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