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मारन को जल्द आ सकता है सीबीआई का बुलावा

१६ जून २०११

2001-07 में स्पेक्ट्रम आवंटित किए जाने की प्रक्रिया की जांच कर रही सीबीआई 2जी मामले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री दयानिधि मारन से पूछताछ कर सकती है. मारन पर एयरसेल के पूर्व प्रमुख पर कंपनी बेचने का दबाव डालने का आरोप है.

तस्वीर: APImages

2001 से 2007 की समयावधि में आवंटित हुए स्पेक्ट्रम के सिलसिले में सीबीआई ने प्राथमिक मामला दर्ज कर लिया है और एयरसेल के पूर्व प्रमुख सी शिवशंकरन का बयान भी दर्ज किया है. रिपोर्टों के मुताबिक शिवशंकरन ने आरोप लगाया है कि दयानिधि मारन ने उन्हें मजबूर किया कि वह अपनी कंपनी मलेशिया के एक व्यवसायी को बेच दें. 2001-07 में आवंटित स्पेक्ट्रम के मामले में सीबीआई जुलाई के पहले हफ्ते तक केस दर्ज कर सकता है.

नाम गुप्त रखने की शर्त पर सीबीआई के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, "2001-07 में जिस तरह से स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया, सीबीआई उसकी पूरी जांच कर रही है. पहले उन सभी लोगों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा जिनके घोटाले में शामिल होने का संदेह है. इनमें दयानिधि मारन भी शामिल हैं. उसके बाद ही केस दर्ज होगा." सीबीआई सूत्रों के मुताबिक सिर्फ शिवशंकरन के बयान के आधार पर मारन से पूछताछ नहीं की जा सकती.

पूर्व टेलीकॉम मंत्री अरुण शौरी ने 2003-04 में पद संभाला और सीबीआई उनसे पहले ही पूछताछ कर चुकी है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी को उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिक मामला दर्ज किया है ताकि पहले आओ पहले पाओ के नियम के जरिए होने वाली कथित धांधली को परखा जा सके.

2जी मामले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा और डीएमके सांसद कनिमोड़ी सहित कई व्यवसायी भी तिहाड़ जेल पहुंच चुके हैं. कैग रिपोर्ट के मुताबिक गलत ढंग से स्पेक्ट्रम आवंटन के चलते देश को 1 लाख 76 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: आभा एम

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