1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मार्के की है मंत्रियों की दौलत और गरीबी

१० सितम्बर २०१०

मंत्री के पास कितना पैसा है, जनता का उससे क्या मतलब. सूचना का अधिकार जब तक कानून तक नहीं था, ऐसा कहा जा सकता था. लेकिन अब जमाना बदल चुका है. चाहे वह कोई भी हो, अपनी संपत्ति का ब्योरा देना पड़ता है.

गरीब मंत्री ममतातस्वीर: AP

सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल की मांग पर सरकार को सूचना देनी पड़ी है कि किस मंत्री के पास कितनी संपत्ति है. और तभी पता चला है कि दुनिया में सबसे अधिक लोगों को नौकरी देने वाली संस्था भारतीय रेल के लिए जिम्मेदार मंत्री ममता बनर्जी मनमोहन सरकार की गरीब मंत्रियों में से हैं. उनकी संपत्ति सिर्फ 6.7 लाख की है, जिसमें 10 ग्राम सोना भी शामिल है.

ममता गरीब हैं, लेकिन सबसे गरीब नहीं. अरबों का वारा न्यारा करने वाले वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा के पास निजी तौर पर सिर्फ 26,741 रुपये हैं. एक चाय पीने के बाद कुछ और घट जाएगा. खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सुबोधकांत सहाय के पास सिर्फ 1 लाख 40 हज़ार रुपये की संपत्ति है. शहरी विकास मंत्री एस जयपाल रेड्डी और सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री मुकुल वासनिक की हालत थोड़ी बेहतर है. दोनों की संपत्ति 3.3 लाख के बराबर है.

लेकिन अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के मंत्री फारुक अब्दुल्ला के पास सिर्फ साढ़े 6 लाख की संपत्ति है. यह किसने सोचा था? क्या सारा पैसा हर साल गर्मी में इंगलैंड में गोल्फ खेलने में खर्च हो गया?

बस साढ़े 6 लाख की मिल्कियततस्वीर: Fotoagentur UNI

और इतने दिनों तक मंत्री रहने के बाद शरद पवार के पास सिर्फ 3.9 लाख रुपये की संपत्ति? और टेलीकॉम मंत्री ए राजा, जिनके बारे में इतनी बातें सुनने को मिलती हैं, सिर्फ 73.9 लाख की संपत्ति जुटा पाए हैं?

गनीमत है कि सारे मंत्रियों की हालत इतनी खस्ता नहीं है. नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल सबसे धनी हैं. उनके पास 33 करोड़ की संपत्ति है. ग्वालियर राजपरिवार के ज्योतिरादित्य सिंधिया और कपिल सिब्बल 20-20 करोड़ के मालिक हैं. इनमें उनकी पत्नियों या बच्चों की संपत्ति शामिल नहीं है.

लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुभाष चंद्र अग्रवाल को ये सूचनाएं मिली हैं. प्रधानमंत्री के दफ्तर ने सूचना देने से इनकार कर दिया था. अग्रवाल को केंद्रीय सूचना आयोग के दरवाजे भी खटखटाने पड़े. जनवरी, 2009 में उन्होंने अर्जी दी थी, सूचनाएं अब मिली हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उ भट्टाचार्य

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें