मार्सेई ने चैंपियन की चटनी बनाई
२९ सितम्बर २०११![](https://static.dw.com/image/15424840_800.webp)
ओलंपिया मार्सेई के स्टेडियम में मेजबानों की शानदार जुगलबंदी, मेहमानों की बदनसीबी और फ्रांस के गोलकीपर स्टीव मनदाना के दस्तानों ने कुछ ऐसा ताना बाना बुना कि मार्से को शानदार दिखने वाली जीत हासिल हुई.
घाना के विंगर आंद्रे अयेव के दो गोलों की मदद से मार्सेई ने चैंपियंस लीग के ग्रुप एफ में लगातार दो जीत हासिल कर ली है. अब उसके छह अंक हो गए हैं और वह अपने ग्रुप में सबसे ऊपर चढ़ बैठा है.
पिछले सीजन में आश्चर्यजनक तरीके से जर्मन फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा का खिताब जीतने वाली डॉर्टमुंड ने शानदार तरीके से खेल की शुरुआत की और जर्मन टीम के नए स्ट्राइकर मारियो गोएत्से ने गेंद के साथ अच्छी अठखेलियां खेलीं लेकिन 20वें मिनट में किस्मत मेजबान का साथ दे गई और अयेव ने गेंद को जाल में सरका दिया.
डॉर्टमुंड के 44 साल के कोच युर्गेन क्लॉप पूरे मैच में टीम का जोश बढ़ाते दिखे लेकिन आखिरी लम्हों में वह भी निराश हो गए. अपने बॉक्स में वह सिर झुकाए खड़े दिखे. मैच के बाद उन्होंने कहा कि टीम ने कई गलतियां कीं, "हमें बराबरी करने के कई मौके मिले थे. पहले हाफ में भी और दूसरे हाफ में भी. हमने कई गलतियां कीं और हमें उसका फल मिला है. कभी कभी आपको सिर्फ गेंद पर ठोकर मारनी होती है."
एक गोल से दबने के बावजूद डॉर्टमुंड का खेल खराब नहीं हुआ और दूसरे हाफ में भी उसने बॉल को कब्जे में रखने की कोशिश की. लेकिन तब तक मार्सेई के हौसले बुलंद हो चुके थे और वह एक खतरनाक टीम बन चुकी थी. इस सीजन में आठ मैचों में सिर्फ एक मैच जीतने वाली मार्सेई की टीम के गोलकीपर फ्रांस के मनदाना ने भी बेहतरीन खेल दिखाया और गोएत्से के न जाने कितने शॉट्स अपने दस्तानों में उलझा लिए. हालांकि गोएत्जे और पीली जर्सी वाली डॉर्टमुंड टीम बदनसीब भी रही कि उनके कई शॉट गोलपोस्ट में जा टकराए.
दूसरे हाफ में डॉर्टमुंड ने एक अच्छा आक्रमण किया लेकिन इसके बाद आक्रमण के लिए उनके पास कोई रणनीति नहीं दिखी. मेजबान टीम के रेमी गेंद लेकर डी तक पहुंच गए और डॉर्टमुंड के गोलकीपर रोमान वाइडनफेलर को छकाते हुए दूसरा गोल कर दिया. इस गोल ने मार्सेई के मनोबल को और बढ़ा दिया.
थोड़ी देर बाद मेजबान टीम को पेनाल्टी मिल गई, जिसे जाल में डालने में अयेव ने कोई गलती नहीं की. डॉर्टमुंड तीन गोल के पहाड़ तले दब गई. जवाब देने के मौके नहीं बचे. अब तो मिट्टी पलीद होने से बचने का मौका था. टीम ने डिफेंस पर ध्यान दिया और और गोल नहीं होने दिए. क्लॉप का कहना है, "हमने गेंद ज्यादा देर तक अपने पास रखा लेकिन धैर्य नहीं रख पाए. हमने अच्छा खेला लेकिन 3-0 से हार गए."
डॉर्टमुंड और युंवेंटस की टीम का चैंपियंस लीग फाइनल में 1997 में मुकाबला हुआ था, जिसे डॉर्टमुंड ने जीता था. उस वक्त युवेंटस के कोच दिदायार दीशैंप्स थे, जो अब मार्सेई के कोच हैं. डॉर्टमुंड पर मिली जीत के बाद उन्होंने कहा, "चैंपियंस लीग में जीत हर रोज नहीं मिलती. लेकिन आज हम बदकिस्मत साबित नहीं हुए. वे इतनी बड़ी हार के हकदार नहीं थे. यह सही नहीं हुआ लेकिन हमारे पास अब छह अंक हो गए हैं."
मार्सेई को अगले मैच में इंग्लैंड की मजबूत टीम आर्सेनल से भिड़ना है, जबकि डॉर्टमुंड का मुकाबला ग्रीस के ओलंपियाकोस से होगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा