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माल्या के तिलिस्म को तोड़ता किंगफिशर

२१ फ़रवरी २०१२

दुनिया के सबसे महंगे समुद्री बोटों, क्रिकेट और फॉर्मूला वन की टीमों के अलावा सुंदरियों का साथ और शराब का कारोबार. विजय माल्या भारत के रिचर्ड ब्रैनसन कहे जाते हैं लेकिन किंगफिशर एयरलाइन ने उन्हें एक कोने में ला दिया है.

माल्या का किंगफिशरतस्वीर: AP

मशहूर किंगफिशर कैलेंडर वाले विजय माल्या आम तौर पर अखबारों के पेज थ्री पर आते हैं, पेज वन पर नहीं. लेकिन इसी नाम की उनकी विमान कंपनी ने उन्हें दूसरी वजहों से सुर्खियों में बना दिया है. माल्या खुद को डॉक्टर कहलवाना पसंद करते हैं क्योंकि उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट में मानद डिग्री कर रखी है. हाल के दिनों में दर्जनों पायलटों और ग्राउंडस्टाफ ने डॉक्टर माल्या को भारी सिरदर्द दे रखा है.

फॉर्मूला वन ग्राउंड पर नजर आने वाले माल्या को अपनी कंपनी बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. उनका कहना है, "मैं चाहता हूं कि मेरी कंपनी चलती रहे, जब तक कि सरकार खुद न चाहे कि इसे बंद करना हो. लेकिन मुश्किल है कि इनकम टैक्स ने हमारे बैंक खाते सील कर दिए हैं और इससे हम पंगु होकर रह गए हैं."

माल्या ने जिस वक्त कुलांचे भरते हुए एक दमदार रईस भारतीय बिजनेसमैन की छवि बनाई, उसी वक्त भारत का भी तेजी से विकास हो रहा था. अजीब संयोग है कि जब किंगफिशर की वजह से वह नीचे जा रहे हैं, तो भारत का विकास दर भी धीमा पड़ गया है, महंगाई तेज है और सरकारी तंत्र भ्रष्टाचार के चंगुल में फंसा है.

कैसे बचेगी कंपनीतस्वीर: AP

रईस कारोबारी

डॉक्टर माल्या ने अपनी छवि एक ऐसे प्लेब्वाय के तौर पर बनाई थी, जो महंगे सिगार पीता है, महंगी समुद्री बोटों पर छुट्टियां बिताता है, जिसका स्कॉटलैंड में एक किला है और दक्षिण अफ्रीका में समुद्र किनारे आलीशान बंगला. वर्जिन एयरलाइंस के मालिक रिचर्ड ब्रैनसन की तरह विजय माल्या भी सुंदरियों से घिरे नजर आते हैं. ब्रिटेन के ब्रैनसन के लिए यह बड़ी बात भले न हो, जिस देश की लगभग आधी आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती हो, उसके लिए माल्या की यह छवि उन्हें काल्पनिक पात्रों जैसी बनाती थी.

इतना ही नहीं, उन्हें पिछले दरवाजे से ही सही, राजनीति में भी जगह मिल गई. उन्हें 2010 में राज्यसभा का सदस्य भी चुन लिया गया. यानी भारत के किसी भी कानून बनाने की प्रक्रिया में उनका भी रोल है. जाने माने विज्ञापन एक्सपर्ट प्रह्लाद कक्कड़ का कहना है, "जब वह बहुत अच्छा कर रहे थे, एक मिसाल बनते जा रहे थे. भारत का ज्यादातर मिडिल क्लास उनकी तरह ही बनना चाहता था. वह नए भारत की पहचान थे. रईस, मालदार, खर्चीले और प्लेब्वाय छवि वाले. अब जब उनकी जेब तंग हो रही है, कहा जा रहा है कि वह गैर जिम्मेदार हैं."

मुकाबले की बलि

किंगफिशर तेजी से बढ़ते ईंधन के दाम और भारत की घरेलू फ्लाइट्स के बीच किराए की जंग में बलि चढ़ गया. कंप्टीशन की वजह से इन एयरलाइंस ने अगले 10 साल में सैकड़ों नए विमानों का ऑर्डर भी दे रखा है. किंगफिशर को रोज अपनी फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ रही है और इसके 64 में से आधे भी हवा में नहीं जा पा रहे हैं. माल्या का कहना है कि इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार इनकम टैक्स विभाग है.

फॉर्मूला वन में फोर्स इंडियातस्वीर: AP

धूप के डिजाइनर चश्मों के शौकीन माल्या का कहना है कि वह सरकार से किसी बेलआउट पैकेज की गुहार नहीं लगाएंगे, लेकिन वह यह भी नहीं कहते हैं कि किसी दूसरे बिजनेस का पैसा वह किंगफिशर एयरलाइंस में लगाएंगे या नहीं. 2005 में शुरू होने के बाद से किंगफिशर कभी भी फायदे में नहीं रहा है.

माल्या के पास एयरलाइंस के अलावा शराब कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज भी है. इसका सालाना राजस्व चार अरब डॉलर का है और फोर्ब्स का दावा है कि खुद डॉक्टर माल्या के पास 1.4 डॉलर की संपत्ति है. उनका बायो टेक्नोलॉजी और रियल एस्टेट का भी बिजनेस है लेकिन वह घर घर पर एयरलाइंस की वजह से ही जाने लगे. भारत में 20 प्रतिशत हवाई मुसाफिर किंगफिशर में सफर करता है, जो अब घट कर 10 प्रतिशत के आस पास हो गया है.

बदला बाजार

चटक लाल रंगों वाली इस एयरलाइंस ने भारत में घरेलू विमानन की तस्वीर बदल कर रख दी है. छोटी छोटी बारीकियों पर ध्यान दिया जाता है. अच्छा खाना, अच्छे टीवी स्क्रीन और सुंदर एयर होस्टेस. विमानन एक्सपर्ट कपिल कौल कहते हैं, "उन्होंने भारत के घरेलू बाजार में बिलकुल अलग तरह की सर्विस शुरू कर दी."

हर फ्लाइट पर माल्या का एक रिकॉर्डेड संदेश दिखाया सुनाया जाता है, जिसमें उन्हें एयर होस्टेस से हाथ मिलाते हुए दिखाया गया है और संदेश रहता है कि इन्हें निर्देश दिया गया है कि वह आपका वैसा ही स्वागत करें कि जैसे आप मेरे घर आए मेहमान हैं. उनके लाइफ स्टाइल से कितने लोग प्रभावित हैं, इसका अंदाजा इस बात से भी लग सकता है कि ट्विटर पर उनके 10 लाख फॉलोअर हैं. वह दुनिया भर में घूमते हैं. सबसे बड़े फुटबॉल सितारों और फॉर्मूला वन ड्राइवरों के साथ डिनर पार्टी करते हैं और मॉरिशस जैसी जगहों पर सुंदरियों के साथ फोटो खिंचाते हैं. 312 फुट लंबी इंडियन इम्प्रेस नाम की उनकी याख्ट नौ करोड़ डॉ़लर की है.

उन्होंने हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने की कोशिश तेज कर दी. उनके नाम स्कॉटलैंड की एक मशहूर व्हिस्की कंपनी है. एक बार वह व्हिस्की की तीन बेशकीमती बोतलें न्यूजीलैंड से स्कॉटलैंड पहुंचाने अपने निजी विमान से निकल गए. ये बोतलें 1907 में अंटार्कटिक मिशन पर निकले सर अर्नेस्ट शैकेलटन की थी. माल्या ने गोवा में एक शानदार बंगला बनवाया है, जहां आए दिन बॉलीवुड स्टार के साथ पार्टियां होती हैं और उनके पास दर्जन भर पुरानी कारें भी हैं, जिनकी कीमत करोड़ों डॉलर में बैठती है.

फॉर्मूला वन ड्राइवर आद्रियान सुटिलतस्वीर: dapd

कौन हैं माल्या

डॉक्टर माल्या के पिता विटटल माल्या भी शराब का कारोबार करते थे और उनकी यूनाइटेड ब्रूअरीज भारत में तैनात ब्रिटिश सैनिकों के लिए शराब सप्लाई करती थी. भारत की आजादी के बाद उन्होंने भारत की कुछ मशहूर शराब कंपनियों को खरीदना शुरू कर दिया. उनकी कम उम्र में ही मौत हो गई, जिसके बाद 1983 में विजय माल्या ने अपने पिता का कारोबार संभाला. उस वक्त वह 28 साल के थे. उन्होंने तेजी से कंपनी को फैलाना शुरू किया और भारत में जितनी शराब बिकती है, उसकी आधी इसी ब्रूअरी से निकलती है. माल्या का जो लाइफ स्टाइल है, उस पर भी काफी शोर शराबा होता है और कई लोगों का तो मानना है कि किंगफिशर एयरलाइंस की ऐसी हालत का जिम्मा भी उनकी लाइफ स्टाइल पर ही है.

पिछले साल ही शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने कहा था, "किंगफिशर को विजय माल्या की रईसों वाली जीवन शैली की वजह से कर्ज लेना पड़ रहा है. उनके पास कई बिजनेस हैं, शराब, आईपीएल और फॉर्मूला वन टीमें. उनके पास कई बंगले हैं और एक क्रूज बोट भी है. उन्हें तो यह भी नहीं पता है कि आईपीएल मैचों के दौरान चीयर गर्ल्स पर वह कितना खर्च करते हैं."

बीजेपी ने भी कहा है कि वह किंगफिशर के बेलआउट के कदम का विरोध करेगी. यानी अगर कंपनी को बचाना है, तो खुद माल्या ही यह कर सकते हैं. लेकिन माल्या का कहना है कि वह फिर उठ खड़े होंगे. सवाल सिर्फ माल्या का नहीं, किंगफिशर में काम करने वाले सैकड़ों कर्मचारियों और उनके परिवारों का भी है.

समीक्षाः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः आभा एम

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