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मियां बीवी बनो पर मां बाप नहीं

१ मार्च २०११

शादीशुदा युवा जोड़े बेहद खुश रहते हैं और शादी के बाद जवानी के दिन उनके सबसे हसीन दिन होते हैं. लेकिन इसमें शर्त यह है कि उनका परिवार नहीं होना चाहिए यानी बाल बच्चे न हों तभी खुशी होती है.

तस्वीर: Nikolai Sorokin-Fotolia

ब्रिटेन में हुए एक रिसर्च के बाद सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि उम्रदराज दंपतियों में वह खुशी और उत्साह नहीं देखा गया, जो युवा दंपतियों में दिखा. महिलाओं में यह खुशी खास तौर पर उम्र के साथ बेहद कम हुई. इकोनॉमिक और सोशल रिसर्च काउंसिल ने ब्रिटिश सरकार के साथ मिल कर यह रिसर्च किया है.

इसमें पाया गया कि जो जोड़े पांच साल से कम वक्त से एक दूसरे के साथ हैं, वे आसमान में उड़ रहे हैं. उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं है. लोगों की समझ और जीवन के अनुभव को बेहतर ढंग से समझने के लिए किए गए इस सर्वे में पाया गया कि शादी शुदा लोग गैर शादी शुदा लोगों के मुकाबले ज्यादा संतुष्ट और खुश रहते हैं. शादी के साथ पढ़ाई का भी मेल है. रिसर्च में कहा गया है कि जिन जोड़ों के दोनों पार्टनर ने यूनिवर्सिटी की पढ़ाई की है, वे ज्यादा संतुष्ट रहते हैं.

कबाब में हड्डी

लेकिन इस रिसर्च में बच्चे को कबाब में हड्डी बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्चे की पैदाइश के साथ ही जोड़े की खुशी काफूर हो जाती है. स्कूल न जा सकने वाले छोटे बच्चों के साथ रहने वाले मां बाप बेहद दुखी रहते हैं लेकिन जब बच्चे बड़े होने लगते हैं तो मां बाप एक बार फिर खुश होते जाते हैं.

आंकड़ों के मुताबिक बेरोजगारी से भी दांपत्य जीवन की खुशी प्रभावित होती है. पुरुषों में तो यह ज्यादा नहीं होती लेकिन महिलाएं अगर बेरोजगार हों तो उनकी संतुष्टि प्रभावित होती है. जिन लोगों के बात की गई, उनमें से 60 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह अपने दांपत्य जीवन से पूरी तरह संतुष्ट हैं.

जहां तक बच्चों का सवाल है, इंग्लैंड के बच्चों का कहना है कि उनका अपने भाई बहनों से झगड़ा होता रहता है. यह झगड़ा अमेरिका, इस्राएल और इटली के मुकाबले कहीं ज्यादा है. ब्रिटेन में अब ऐसा सर्वे होने जा रहा है, जिसमें पता लगेगा कि लोग अपनी जिन्दगी से कितने संतुष्ट हैं.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः वी कुमार

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