गालिब को गूगल का डूडल वाला तोहफा
२७ दिसम्बर २०१७इस डूडल में गालिब को मुगलकालीन इमारत की बालकनी में खड़ा देखा जा सकता है. इस दौरान उनके हाथ में कागज और कलम है और पृष्ठभूमि में सूर्य और मस्जिद का नजारा है.
गालिब का जन्म 1797 में हुआ था. उनका असली नाम मिर्जा असदुल्लाह बेग खान था लेकिन वे दुनियाभर में मिर्जा गालिब के नाम से लोकिप्रय हैं. मिर्जा गालिब ने 11 साल की उम्र में कविता लिखना शुरू कर दिया था. उर्दू उनकी मातृभाषा थी लेकिन वे फारसी और तुर्की भाषा में भी समान पारंगत थे.
गालिब उर्दू और फारसी भाषा के सर्वाधिक लोकप्रिय और प्रभावशाली कवि थे. उन्होंने ऐसे समय में लिखना शुरू किया, जब देश में मुगल साम्राज्य अपने अंतिम चरण में था और भारत, ब्रिटिश हुकूमत में जकड़ना शुरू हो गया था.
गालिब भारत के युवाओं को ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लोगों को प्रेरित करते हैं. उनकी गजलों में अलग-अलग लोग अलग-अलग तरीके से गाते हैं. गालिब का 15 फरवरी, 1869 में निधन हो गया था. उनका मकबरा दिल्ली के निजामुद्दीन में चौसठ खंभा के पास है.
आईबी/आईएएनएस