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मिसराता में घमासान, त्रिपोली में धमाके

२६ अप्रैल २०११

लीबिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले मिसराता शहर में मुअम्मर गद्दाफी की फौजें लगातार बमबारी कर रही हैं जबकि राजधानी त्रिपोली के पूर्वी इलाके में पांच धमाके सुने गए हैं. नाटो के मिशन में इटली भी शामिल हुआ.

तबाह होता मिसरातातस्वीर: AP

विद्रोहियों और शरणार्थियों का कहना है कि गद्दाफी की सेना अंतरराष्ट्रीय मीडिया की पहुंच से दूर देश के पश्चिम में बेरबर जैसे पहाड़ी इलाकों में बसे शहरों पर भी गोले दाग रही है. वहीं नाटो ने राजधानी त्रिपोली में गद्दाफी के परिसर में एक इमारत को ध्वस्त कर दिया है. सरकारी मीडिया का कहना है कि यह उनके नेता को खत्म करने की नाकाम कोशिश थी.

सरकारी टीवी की रिपोर्ट में कहा गया है, "हमलावरों ने त्रिपोली के दक्षिण में 100 किलोमीटर दूर बीर अल घनम इलाके में नागरिक और सैन्य ठिकानों पर बमबारी की, जिसमें कई लोगों की जानें गई हैं." रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी पोतों ने भी हमला किया है जिससे सिर्ते, रास लानुफ और ब्रेगा शहरों से संपर्क कट गया है.

मिसराता में घमासान

लीबिया में पश्चिम देशों की बमबारी को एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद गद्दाफी की पकड़ किसी तरह कमजोर होती नहीं दिख रही है और स्थिति संकट की तरफ जाती दिख रही है. मिसराता में सोमवार को जब लोग अपने घरों से निकलते तो गद्दाफी की सेना द्वारा की गई तबाही उनके सामने थी. हालांकि शहर के मुख्य केंद्र से गद्दाफी की सेना को हटना पड़ा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मिसराता में बीते तीन दिन के दौरान 60 लोग मारे गए हैं.

पश्चिमी मदद के बावजूद विद्रोहियों को मनचाही कामयाबी नहीं मिल रही हैतस्वीर: picture alliance/dpa

मिसराता राजधानी त्रिपोली से 210 किलोमीटर दूर हैं और लड़ाई के कारण वहां सिर्फ समुद्री रास्ते से पहुंचा जा सकता है. लीबिया के इस तीसरे सबसे बड़े शहर में खाद्य पदार्थों और दूसरे सामान की भी किल्लत हो रही है. दर्जनों लड़ाकों, आम लोगों और अफ्रीकी प्रवासी मजदूरों को समुद्र के रास्ते से दूसरे जगहों पर पहुंचाया गया है.

इटली भी तैयार

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से फोन पर बातचीत के बाद इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने लीबिया में अपने लड़ाकू विमान भेजने का फैसला किया है. इटली की सरकार ने कहा कि उनके विमान गद्दाफी की सेना के ठिकानों को निशाना बनाएंगे. लीबिया में ब्रिटेन और फ्रांस की वायु सेनाओं ने 19 मार्च को अपनी कार्रवाई शुरू की. उस वक्त इटली ने इस कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया. हालांकि इटली की सरकार ने कभी इससे इनकार भी नहीं किया.

इटली के विमान भी अब फ्रांस और ब्रिटिश जेट्स की मदद करेंगेतस्वीर: picture alliance/dpa

अभी तक इटली लीबिया में कार्रवाई कर रहे पश्चिमी देशों के लड़ाकू विमानों को अपने सैन्य अड्डे मुहैया करा रहा था. लेकिन हाल के दिनों में इटली फ्रांस और ब्रिटेन के साथ अपने सैन्य सलाहकार लीबिया भेजने पर भी तैयार हो गया ताकि लीबियाई विद्रोहियों की मदद की जा सके.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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