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मिस्बाह पर बरसीं अफरीदी की बेटियां

१ अप्रैल २०११

भारत के हाथों मिली हार ने पाकिस्तान के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों का दिल तोड़ दिया है. खुद पाकिस्तान के कप्तान शाहिद अफरीदी की बेटियां हार के बाद रो पड़ी. उनकी दोनों बेटियों ने भी हार के लिए मिस्बाह को जिम्मेदार ठहराया.

तस्वीर: AP

मोहाली में खेले गए वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में पाकिस्तान 29 रन हार गया. हार के बाद पाकिस्तानी न्यूज चैनल जिओ न्यूज ने कप्तान शाहिद अफरीदी की सबसे छोटी बेटी अक्सा से बात की, लेकिन वह इंटरव्यू के दौरान ही रो पड़ी. रोते हुए अक्सा ने कहा, ''बहुत अफसोस हुआ है. मुझे लग रहा था कि हम भारत को हरा देंगे.''

पाकिस्तान के ज्यादातर लोगों की तरह अफरीदी की बेटी ने भी हार का जिम्मा मिस्बाह उल हक के सिर फोड़ा. आक्सा ने कहा, ''पहले मिस्बाह उल हक ने बड़े धीरे धीरे खेला, जब आखि्र में गेंदें बहुत कम रह गई तो तेज खेला.'' अफरीदी की दूसरी बेटी ने कहा, ''मिस्बाह को बाद में होश आया कि जीतना है तो रन बनाने हैं.''

हार ने पाकिस्तानी टीम को भी झकझोर दिया है. टीम फाइनल देखने के बजाए घर लौट चुकी है. गुरुवार को दुबई के रास्ते अफरीदी और उनके साथी पाकिस्तान लौटे. एयरपोर्ट पर सन्नाटा रहा. खिलाड़ी पत्रकारों से बचते हुए सीधे अपने अपने घरों की तरफ रवाना हो गए.

टीम की मुश्किल यह है कि पूर्व खिलाड़ी भी उसकी खिंचाई कर रहे हैं. पूर्व कप्तान इमरान खान और मोईन खान भी टीम की आलोचना कर रहे हैं. मोईन खान कहते हैं, ''खेल में हार जीत लगी रहती है. हमें हार को स्वीकार करना चाहिए. लेकिन हर कोई लोगों की मायूसी समझ सकता है.''

लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में पाकिस्तान सरकार ने बड़े स्क्रीन लगाए थे. स्टेडियम में 25,000 लोगों ने लाइव मैच देखा और बाद में यही लोग सबसे ज्यादा भड़के. एक नाराज क्रिकेट प्रेमी ने कहा, ''भारत को आखिर में इन्होंने हल्के में लिया और वो 260 रन बना गए. आधा मैच तो वहीं हाथ से निकल गया.''

वहीं पाकिस्तानी प्रांत पंजाब के मुख्यमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की है. शहबाज शरीफ ने कहा, ''टीम ने सेमीफाइनल में पहुंच कर हमें गौरवान्वित किया. मैच बडा़ जबरदस्त हुआ और हमारे लड़कों ने पूरी जान लगा दी. हमें इस बात की तारीफ करनी चाहिए.''

कट्टरपंथी मानी जाने वाली पार्टी जमीयत ए इस्लाम ने भी खिलाड़ियों की पीठ थपथपाई है. पार्टी के नेता फजलुर रहमान ने कहा, ''टीम का समर्थन करना चाहिए. उन्होंने हमारी इज्जत मिट्टी में नहीं मिलने दी. सेमीफाइनल में उन्होंने जान लड़ा दी. हार और जीत तो खेल का हिस्सा है, हमें इसे संजीदा ढंग से स्वीकार करना चाहिए.''

रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

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