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मिस्रः हजारों कैदी फरार, सेना आई आगे

३० जनवरी २०११

मिस्र में सेना सड़कों पर उतर आई है. अपनी कुर्सी बचाए रखने के लिए जोड़तोड़ में जुटे राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने सेना के ताकतवर कमांडरों मुलाकात की. राजधानी काहिरा के आसमान पर लड़ाकू विमान उड़ते देखे गए.

तस्वीर: dapd

रविवार को राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान से मुलाकात की. सुलेमान को शनिवार को उपराष्ट्रपति नियुक्त किया. उनकी नियुक्ति को सत्ता के हस्तांतरण के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. इस बैठक में रक्षा मंत्री मोहम्मद हुसैन तांतवी, सेना प्रमुख सामी अल अनान और सेना के कई दूसरे बड़े अफसर मौजूद थे.

उधर अमेरिका ने कहा है कि मुबारक ने लोगों को शांत करने के लिए जो कदम उठाए हैं वे काफी नहीं हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि हुस्नी सरकार को और कदम उठाने की जरूरत है. हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया अमेरिका मिस्र की मदद रोकने पर विचार कर रहा है.

तस्वीर: dapd

मिस्र पिछले करीब एक हफ्ते विरोध प्रदर्शनों से दहल रहा है. वहां बड़ी संख्या में लोग हुस्नी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. वे लोग हुस्नी मुबारक के हटने की मांग कर रहे हैं. रविवार को भी सेना की भारी मौजूदगी में करीब चार हजार लोग मुख्य चौराहे तहरीर पर जमा हुआ. तहरीर चौराहा प्रदर्शनकारियों का केंद्र बन गया है.

इस प्रदर्शन के दौरान सैन्य हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान राजधानी के आसमान में लगातार उड़ान भरते रहे. शाम के वक्त तो और ज्यादा तादाद में सैन्य ट्रकों को राजधानी में आते देखा गया. इसके जरिए सरकार कर्फ्यू लागू करने की कोशिश कर रही है.

तस्वीर: AP

प्रदर्शनकारी हुस्नी मुबारक और सुलेमान के खिलाफ नारे लगा रहे थे. 30 साल के अपने शासनकाल में मुबारक ने पहली बार किसी को उपराष्ट्रपति नियुक्त किया है. हालांकि अमेरिका समर्थित मुबारक राष्ट्रपति बनने से पहले खुद भी उपराष्ट्रपति ही थे. सुलेमान को नियुक्ति को बहुत से लोग हुस्नी मुबारक के बेटे गमाल की राष्ट्रपति बनने की तमन्ना के खात्मे के रूप में भी देख रहे हैं.

मिस्र के प्रदर्शन अब तक 100 से ज्यादा लोगों की जान ले चुके हैं. हजारों लोगों को जेल में डाला जा चुका है. हालांकि रविवार को मिस्र की कई जेलें तोड़कर हजारों कैदी फरार हो गए. काहिरा के पास की एक बड़ी जेल से ही छह हजार कैदी भाग गए.

मिस्र के इन प्रदर्शनों ने पूरे अरब जगत में विरोध की लहर पैदा कर दी है. ट्यूनिशिया में सफल विरोधों के बाद शुरू हुए मिस्र के प्रदर्शन दूसरे देशों में भी लोगों को प्रेरित कर सकते हैं. अरब जगत में कई ऐसे देश हैं जहां दशकों से एक ही आदमी सत्ता में बना हुआ है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ईशा भाटिया

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