छह साल हिरासत में रहने के बाद मुबारक को काहिरा के एक सैन्य अस्पताल से बाहर जाने दिया गया. इस महीने की शुरुआत में एक अपीलीय अदालत ने मुबारक को बरी कर दिया. उन पर 2011 की क्रांति के दौरान प्रदर्शनकारियों को मारने के आदेश देने के आरोप थे. इन प्रदर्शनकारियों ने मुबारक की 30 साल से चली आ रही सत्ता को चुनौती दी थी. मिस्र में 18 दिन तक चले प्रदर्शन के दौरान 850 प्रदर्शनकारी पुलिस संघर्ष में मारे गए थे.
88 वर्षीय मुबारक और उनके दो बेटों को सरकारी पैसे के गबन का भी दोषी पाया गया था और इन पर लाखों डॉलर का जुर्माना लगा था.
अरब वसंत के बाद बहुमत से निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को हटाकर सत्ता में आए पूर्व जनरल अल सिसी नया चुनाव करा कर राष्ट्रपति तो बन गए हैं लेकिन देश की जनता और लोकतांत्रिक विश्व समुदाय को अपने पीछे नहीं कर पाए हैं.
तस्वीर: picture alliance/AAअल सिसी ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले एक बड़े देश मिस्र को इस्लामी कट्टरपंथ के हाथों जाने से रोक तो लिया है लेकिन लोकतंत्र समर्थकों के बीच अपनी साख नहीं बना पाए हैं. लोकतंत्र समर्थकों पर अत्याचार के कारण उनकी दुनिया भर में आलोचना होती है.
तस्वीर: picture-alliance/EPA/K. Elfiqiपूर्व जनरल अब्देल फतह अल सिसी का चुनावों में चुना जाना ही उन्हें लोकतांत्रिक नहीं बनाता. लोग भूले नहीं हैं कि सेना प्रमुख निर्वाचित राष्ट्रपति को पद से हटाकर सत्ता में आए और अभी भी देश में विरोध की आवाज को कुचल रहे हैं.
तस्वीर: Reuters/Dalshलोकप्रिय बहुमत से चुने गए पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को पिछले दिनों मिस्र की एक अदालत ने एक पुराने मामले में फांसी की सजा सुनाई. अमेरिका सहित कई देशों की सरकारों ने मिस्री न्यायपालिका के इस फैसले की आलोचना की.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/N. Galal/A. Alyoumजर्मनी दौरे पर आए राष्ट्रपति अल सीसी को मृत्युदंड पर कड़ा ऐतराज सहना पड़ा. हालांकि मैर्केल और अल सीसी की मुलाकात से एक दिन पहले ही मिस्र की एक अदालत ने मुर्सी और दूसरे शीर्ष मुस्लिम ब्रदरहुड नेताओं दी गई मौत की सजा पर अंतिम फैसला आगे के लिए स्थगित कर दिया.
तस्वीर: Reuters/F. Benschमामला 2011 में जेल से फरार होने का है. इस मामले में अदालत में राष्ट्रपति मुर्सी और मुस्लिम ब्रदरहुड के करीब 100 नेताओं को फांसी की सजा सुनाई है. यहां फैसला सुनाए जाने के बाद ब्रदरहुड के प्रमुख नेता खैरात अल शतर की प्रतिक्रिया.
तस्वीर: Reuters/M. Abd El Ghanyमिस्र में 2011 की क्रांति के बाद से बहुत सारे बदलाव आए हैं. अरब वसंत के केंद्र रहे तहरीर स्क्वायर में महिलाओं के साथ बदतमीजी के मनोवैज्ञानिक असर से निबटने के लिए युवा लोगों ने "क्या मैं आपको एक फूल दे सकती हूं" अभियान चलाया है.
तस्वीर: DW/R. Mokbelजर्मनी में मिस्री राष्ट्रपति अल सिसी के यूरोप दौरे के मौके पर विभिन्न शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं. फ्रैंकफर्ट में ब्रदरहुड के नेताओं को फांसी की सजा का विरोध और लोकतांत्रिक अधिकारों की मांग करते प्रदर्शनकारियों ने मिस्री कंसुल के सामने प्रदर्शन किया.
तस्वीर: Islam Shabanahआयरलैंड में भी लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए मिस्री दूतावास के सामने प्रदर्शन हुआ. आयरिश नागरिक इब्राहिम हलावा बोलने और प्रदर्शन के अधिकार के इस्तेमाल के कारण मिस्र में कैद हैं. प्रदर्शन में इब्राहिम हलावा की तीन बहनों ने भी हिस्सा लिया.
तस्वीर: Somaia Halawaएक्टिविस्ट मोहम्मद सोल्तान इस तस्वीर में जेल में 270 दिनों की भूख हड़ताल के बाद दिख रहे हैं. उनके खिलाफ मीडिया को गलत सूचना देने के आरोप में मुकदमा चल रहा था. 400 दिनों के अनशन के बाद उन्हें रिहा कर अमेरिका भेज दिया गया है.
तस्वीर: picture alliance/AA साल 2016 में अपीलीय अदालत ने सजा को बरकरार रखा लेकिन उस समय पर भी गौर किया जो मुबारक सजा के रूप में बिता चुके थे. मुबारक को साल 2011 में गिरफ्तार किया गया था और इसके दो महीने बाद उन्हें सत्ता से बेदखल कर दिया. इसके बाद से लेकर अब तक मुबारक ने अधिकतर वक्त अस्पताल में ही बिताया. साल 2012 में एक अदालत ने मुबारक को 239 प्रदर्शनकारियों की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन साल 2014 में एक अपीलीय अदालत ने दोबारा मुकदमा शुरू किया. मुबारक प्रशासन के तकरीबन दो दर्जन पूर्व अधिकारियों को हाल के वर्षों में भ्रष्टाचार और प्रदर्शनकारियों की मौतों के आरोपों से बरी किया गया है. हालांकि इस बीच देश में सैकड़ो लोकतंत्र समर्थक मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल-फताह अल सीसी के खिलाफ भी सामने आये हैं.
होस्नी मुबारक को सत्ता हटाए जाने के बाद देश में पहली बार स्वतंत्र चुनाव हुए जिनमें मुस्लिम ब्रदरहुड ने जीत दर्ज की और मोहम्मद मुर्सी राष्ट्रपति बने. लेकिन एक साल बाद देश में सैन्य तख्ता पलट हुआ और अब्दुल-फताह अल सीसी मिस्र के राष्ट्रपति बन गये.
एए/एके (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)