जर्मनी और मिस्र के पुरातत्वविदों ने एक प्राचीन व्यायामशाला ढूंढ निकाला है. रिसर्चरों के मुताबिक इसे करीब 2300 साल पहले बनाया गया था.
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यह व्यायामशाला ईसा पूर्व 323-31 के दौर हेलेनिस्टिक काल की है. इसे मिस्र के फायोमा प्रांत में ढूंढा गया है. यह जगह मिस्र की राजधानी काहिरा से करीब 100 किलोमीटर दूर है. यह व्यायामशाला इस इलाके के अमीर लोगों के लिए थी. यहां लोग खेल कूद का प्रशिक्षण लेने के साथ ही लिखना और पढ़ना भी सीखते थे और साथ ही यहां नीति और सिद्धातों पर तर्क वितर्क भी होते थे.
मिस्र में प्राचीन काल मंत्रालय में एन्शिएंट इजिप्शियन एंटीक्विटीज डिपार्टमेंट के प्रमुख आयमान अशमावी ने सोमवार को इसके बारे में जानकारी दी. हाल ही में ढूंढे गये इस जिम में बैठकों के लिए एक विशाल कमरा, एक भोजन कक्ष, बड़ा सा अहाता और साथ ही करीब 200 मीटर लंबा रेसिंग ट्रैक भी है. खोजी मिशन की प्रमुख कॉर्नेलिया रोएमर ने बताया, "वात्फा की व्यायामशाला साफ तौर पर मिस्र पर ग्रीक जिंदगी का असर दिखाती है. यह सिर्फ सिकंदरिया में नहीं था बल्कि पूरे देश में था."
यह व्यायामशाला वात्फा के इलाके में है. ये वही जगह है जहां फिलोटेरिस का प्राचीन गांव था. इस गांव को किंग प्टोलेमी द्वितीय ने ईसा पूर्व तीसरी सदी में बसाया था. वात्फा में यह मिशन 2010 में शुरु हुआ. हेलेनिस्टिक पीरियड ईसा पूर्व तीसरी सदी में सिकंदर महान के मिस्र विजय के साथ शुरू हुआ था.
ग्रीस का प्राचीन अजूबा: ऐंफीपोलिस
सिकंदर महान के समय का एक मकबरा ग्रीस के ऐंफीपोलिस में पाया गया. ईसा पूर्व 300 से 325 के बीच की इस मजार में एक प्राचीन ग्रीक शख्सियत के अवशेष मिलने की उम्मीद इसे बेहद खास बनाती है.
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महिलाओं की नजर
2014 में उत्तरी ग्रीस के ऐंफीपोलिस की खुदाई में दो महिलाओं की मूर्तियां मिलीं. इन्हें कैरियाटिड्स के नाम से जाना जाता है. लम्बे लबादे पहने और घुंघराले बालों वाली ये दो मूर्तियां मकबरे के दूसरे द्वार की निगरानी करती हैं.
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हाथों का इशारा
दो में से एक महिला आकृति का चेहरा साफ नहीं लेकिन धड़ा ठीक है. ग्रीस के संस्कृति मंत्रालय के एक बयान में बताया गया, "एक का बायां और दूसरी का दायां हाथ इस तरह के उठे हैं जैसे किसी को भी मकबरे के अंदर ना जाने का इशारा कर रहे हों."
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बिना सिर वाला जोड़ा
ये दो स्फिंक्स मकबरे के मुख्य द्वार की निगरानी करते हैं. पुरातत्वविदों का अनुमान है कि सिर और पंख के साथ ये 6 फीट से भी ऊंचे रहे होंगे. यहीं से एक चौड़ा रास्ता मकबरे के प्रवेश द्वार तक ले जाता है. यह ग्रीस में मिली अब तक की सबसे बड़ी कब्रगाह है.
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शाही दहाड़
संगमरमर का बना यह शेर 17 फीट से भी ऊंचा है. अनुमान है कि यह मकबरे के ऊपर रहा होगा. इसे 1912 में ग्रीक सेना ने खोज निकाला था. इसके बड़े आकार और मूर्तियों को देख कर अंदाज है कि यहां सिकंदर के जमाने की कोई बड़ी हस्ती ही दफ्न होगी. शायद उनके परिवार का कोई सदस्य या फिर कोई बड़ा ओहदेदार.
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मुश्किल प्रक्रिया
ऐंफीपोलिस में खुदाई का काम 2012 में शुरु हुआ. इस ऑपरेशन की मुख्य पुरातत्वविद् कातरीना पेरिस्तरी बताती हैं, "हम सर्जनों की तरह धीरे धीरे आगे बढ़ते हैं." यह मकबरा ग्रीस के मकदूनिया इलाके में स्थित है और आकार के मामले में सिकंदर के पिता की कब्र से भी बड़ा है. माना जाता है कि सिकंदर को मिस्र में कहीं दफ्न किया गया था.
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बारीकियों पर ध्यान
यह मार्बल पैनल उस जगह पर मिला जो मजार की बाहरी दालान जैसा लगता है. इस किस्म की नक्काशी देखकर अंदाजा लगता है कि इसे बनवाने वालों का धन और वैभव कैसा रहा होगा. माना जाता है कि ऐंफीपोलिस में ही सिकंदर की पत्नी और बेटे की हत्या हुई थी जब चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में मेसेडोनियन जनरल कास्सेंडर ने इस इलाके पर विजय हासिल की थी. संभव है कि यहां उन्हीं की कब्रें हों.
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संगमरमर की श्रृंखलाएं
यहां की दीवारों पर काफी दूरी तक मार्बल लगी मिली है. विशेषज्ञों ने बताया है कि इस तरह की संरचना में सिकंदर महान के मुख्य आर्किटेक्ट दाइनोक्रेट्स ऑफ रोंस की छाप मिलती है. इसी आर्किटेक्ट ने आलेक्जांड्रिया शहर का निर्माण किया था.
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जुड़ी हैं बड़ी उम्मीदें
यह ऐंफीपोलिस का हवाई नजारा है जो ग्रीस के सेरिस शहर के दक्षिण में स्थित है. ग्रीस सरकार इसे पुरातत्व और इतिहास के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण खोज मान रही है. यहां किनकी कब्रें हैं यह पता करने की कोशिशें जारी हैं. मगर खुद सिकंदर की कब्र कहां है यह आज भी रहस्य है.