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समाज

मिस्र में मिला 4400 साल पुराना मकबरा

१७ दिसम्बर २०१८

मिस्र में 4400 साल पुराना एक मकबरा मिला है. काहिरा के दक्षिण में मिले मकबरे की चित्रलिपी से सजी दीवारें और मूर्तियां बिल्कुल सुरक्षित हैं. पुरातत्वविदों का कहना है कि आने वाले महीनों में कई और चीजें सामने आ सकती हैं.

Ägypten Sakkara Entdeckung 4400 Jahre altes Grabmal
तस्वीर: Reuters/M. A. el Ghany

यह मकबरा सक्कारा के प्राचीन कब्रिस्तान की एक जमीन में धंसी मेड़ पर मिला. मिस्र के पुरातत्व विज्ञान की सर्वोच्च परिषद के महासचिव मुस्तफा वजीरी ने पत्रकारों को बताया कि मकबरा बिल्कुल अछूता है और इसे लूटा नहीं गया है. उन्होंने इस खोज को "पिछले कई दशकों में अपनी तरह की अनोखी खोज बताया."

तस्वीर: picture-alliance/Photoshot/A. Gomaa

यह मकबरा नेफेरिरकारे काकाई के शासनकाल में बना था जो मिस्र की पुरानी राजशाही के पांचवें वंश के तीसरे राजा थे. पुरातत्वविदों ने जब खुदाई के दौरान कचरे की आखिरी परत हटाई तो उन्हें इसके भीतर पांच सुरंगे मिलीं. इनमें से एक सुरंग को बंद नहीं किया गया था. उसके भीतर कुछ नहीं मिला. बाकी की चार सुरंगें बंद हैं. खोज करने वाले उम्मीद कर रहे हैं कि जब इन्हें खोला जाएगा तो और भी बहुत कुछ मिल सकता है. वजीरी खासतौर से एक सुरंग को लेकर बेहद उम्मीदों से भरे हैं. उन्होंने कहा, "मैं उन सब चीजों की कल्पना कर सकता हूं जो यहां मिल सकती हैं. यह सुरंग हमें इस मकबरे के मालिक के ताबूत तक ले जा सकती है."

तस्वीर: Reuters/M. A. el Ghany

यह मकबरा करीब 10 मीटर लंबा, तीन मीटर चौड़ा और महज तीन मीटर ऊंचा है. दीवारों पर चित्रलिपी और फराओ की मूर्तियां हैं. वजीरी ने बताया कि यह मकबरा इसलिए भी अनोखा है क्योंकि इसमें लगी मूर्तियां बिल्कुल ठीक अवस्था में हैं. वजीरी ने कहा, "मकबरा 4400 साल पुराना है लेकिन इसका रंग बिल्कुल वास्तविक है."

मिस्र पर पांचवें वंश ने ईसा पूर्व 2500 से 2350 तक राज किया. यह गीजा के पिरामिड बनने के कुछ ही समय बाद का दौर था. प्राचीन मिस्र की राजधानी करीब दो हजार सालों तक मेम्फिस में थी और सक्कारा उसके लिए कब्रिस्तान की जगह थी.

तस्वीर: Reuters/M. A. el Ghany

प्राचीन मिस्रवासी इंसानों के मरने के बाद उनकी ममी बना कर रखते देते हैं ताकि मरने के बाद भी उन्हें देखा जा सके. इसी तरह पशुओं की ममियां बना कर उनका धार्मिक कार्यों में उपयोग किया जाता था.

मिस्र में 2018 में दर्जन भर से ज्यादा प्राचीन खोजें हुई हैं. मिस्र को उम्मीद है कि इन खोजों से देश की छवि बाहरी दुनिया में बेहतर होगी और सैलानियों की आमदोरफ्त बढ़ेगी. यहां फराओ के मंदिरों और पिरामिडों के देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं. मिस्र में 2011 से शुरू हुई राजनीतिक उथल पुथल के कारण सैलानियों की संख्या में काफी कमी आई है. 

एनआर/एके (रॉयटर्स)

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