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मिस्र रहेगा म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के केंद्र में

४ फ़रवरी २०११

मिस्र में राजनीतिक उथल पुथल के साए में जर्मन शहर म्यूनिख में 47वां सुरक्षा सम्मेलन शुरू हो रहा है. रविवार तक चलने वाले सम्मेलन में राजनीति, अर्थजगत और सेना के लगभग 350 प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा करेंगे.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केलतस्वीर: AP

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और उनकी सरकार के प्रमुख मंत्रियों के अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून भी म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

गैर सरकारी स्तर पर आयोजित होने वाला म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर दुनिया भर के नेताओं के बीच खुली चर्चा का मंच है. इसे सुरक्षा के मुद्दों पर अनौपचारिक चर्चा का फोरम माना जाता है.

बान की मून भी होंगेतस्वीर: ap

मिस्र की स्थिति ने सम्मेलन को अंतरराष्ट्रीय दिलचस्पी के केंद्र में ला दिया है. योजनानुसार वित्तीय संकट के असर और अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा होनी थी, लेकिन ट्यूनिशिया के बाद मिस्र तथा उत्तरी अफ्रीका के अन्य देशों में हो रहे राजनीतिक उथल पुथल ने सुरक्षा सम्मेलन को सामयिक बना दिया है.

शुक्रवार शाम मिस्र की स्थिति और क्षेत्र की राजनीति पर उसके असर पर चर्चा होगी. सम्मेलन के हाशिए पर मध्यपूर्व चौकड़ी की भी बैठक हो रही है. उसमें संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के अलावा रूसी विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव और यूरोपीय संघ की विदेशनैतिक दूत कैथरीन ऐशटन भी हिस्सा लेंगी.

वित्तीय संकट के सुरक्षा संबंधी पहलू पर विचार करने के लिए विश्व बैंक के प्रमुख रोबर्ट जोएलिक और यूरोपीय संघ के मुद्रा कमिश्नर ओली रेन के अलावा जर्मन वित्त मंत्री वोल्फगांग शौएब्ले और विख्यात निवेशक जॉर्ज सोरोस भी म्यूनिख पहुंच रहे हैं.

सुरक्षा सम्मेलन में साइबर युद्ध के खतरों पर भी विचार विमर्श होगा. पिछले महीनों में विकीलीक्स द्वारा जारी किए गोपनीय अमेरिकी दस्तावेजों की रोशनी में यह मुद्दा भी महत्वपूर्ण हो गया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: वी कुमार

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