स्टडी में ऐसा कोई प्रमाण तो नहीं मिला है जो मीठे ड्रिंक्स और कैंसर के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित कर दे. लेकिन फ्रांस में हुई इस स्टडी में शामिल शोधकर्ताओं ने सुझाया है कि अगर शक्कर युक्त ड्रिंक्स का सेवन कम कर दिया जाए तो कैंसर के मामले घट सकते हैं. पिछले कुछ दशकों में दुनिया भर में मीठे ड्रिंक्स का सेवन बढ़ा है जिसका सीधा संबंध मोटापे से है और मोटापा कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक लोगों को रोजाना चीनी का सेवन अपनी कुल ऊर्जा सेवन के 10 फीसदी तक या इससे भी कम करना चाहिए. संगठन ने कहा है कि चीनी का सेवन पांच फीसदी या 25 ग्राम तक रखना और भी बेहतर है. ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, हंगरी और मेक्सिको जैसे कुछ देश, लोगों की सेहत को बेहतर बनाने के लिए अब शक्कर पर टैक्स लगा रहे हैं या लगाने की योजना बना रहे हैं.
साइंस पत्रिका 'ब्रिटिश मेडिकल जनरल' में छपी स्टडी में फ्रांस के तकरीबन एक लाख लोगों को शामिल किया गया. इसमें में 21 फीसदी पुरुष और 79 फीसदी महिलाएं थी. फिर इनके मीठे ड्रिंक्स लेने की आदत की जांच की गई.
बढ़ता जोखिम
जांच नतीजों में देखा गया कि अगर एक दिन में 100 मिलीलीटर से अधिक शर्करा युक्त ड्रिंक का सेवन किया जाता है तो सभी तरह के कैंसर का जोखिम 18 फीसदी तक बढ़ जाता है. इसमें भी करीब 22 फीसदी मामलों में स्तन कैंसर होने का जोखिम होता है.
स्टडी में देखा गया कि अगर चीनी युक्त ड्रिंक के सेवन करने वालों को दो हिस्सों में बांटा जाए. एक समूह को फलों का जूस पीने को मिले जबकि दूसरे को अन्य मीठे ड्रिंक पीने को मिलें, तब भी दोनों ही समूहों के लोगों में कैंसर होने का कुल जोखिम बढ़ जाता है. ब्रिटेन की टीसाइड यूनिवर्सिटी में पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट अमिलिया लेक ने बताया, "हालांकि यह स्टडी शक्कर और कैंसर के बीच कोई सीधा संबंध नहीं दिखाती लेकिन शक्कर के सेवन में कमी की महत्ता को जरूर दिखाती है." उन्होंने कहा कि संदेश साफ है कि रोजाना की डाइट में शक्कर की मात्रा को कम किया जाना चाहिए.
_______________
हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore
लंबे शोधों के बाद दुनिया भर के वैज्ञानिक ऐसे नौ कारणों पर सहमत हैं, जो कैंसर के लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं. जानिए ये 9 कारण.
तस्वीर: picture-alliance/dpaतंबाकू सेवन और धूम्रपान कैंसर की सबसे बड़ी वजहें हैं. कैंसर के मरीजों में 20 फीसदी तंबाकू की वजह से ट्यूमर का शिकार बनते हैं. सिगरेट से सिर्फ लंग कैंसर ही नहीं होता, बल्कि अन्य तरह का कैंसर भी होता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Kryazhevकैंसर का दूसरा बड़ा कारण है मोटापा. शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ने से हर तरह के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है. मोटापे की शिकार महिलाओं के सेक्स हार्मोन्स बढ़ जाते हैं और यूट्रेरिन और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
तस्वीर: Getty Images/China Photosआम जिंदगी में खूब आराम फरमाने वाले भी कैंसर के शिकार हो सकते हैं. लंबे शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि एक्सरसाइज से ट्यूमर का खतरा घटता है. कसरत करने से शरीर में इंसुलिन का लेवल घटता है और वजन नहीं बढ़ता. कुछ किलोमीटर की सैर या साइकिल की सवारी भी काफी असरदार होती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaअल्कोहॉल मसूडों, गले और आहार नली में कैंसर का जोखिम पैदा करता है. शराब के साथ सिगरेट पीने से कैंसर का खतरा 100 गुना बढ़ जाता है.
तस्वीर: Imagoबीफ, मटन या अन्य तरह का लाल मीट बहुत ज्यादा नहीं खाना चाहिए. बहुत ज्यादा रेड मीट खाने से आंतों के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है. हालांकि मछली खाना सेहत के लिए अच्छा है.
तस्वीर: APमांस को ग्रिल करने पर पॉलिएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन रिलीज होते हैं. जानवरों पर किए गए शोध से पता चला है कि पॉलिएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन ट्यूमर को जन्म दे सकते हैं. जले हुए मांस में ऐसे तत्व सबसे ज्यादा होते हैं.
तस्वीर: BGodunoff - Fotoliaसब्जियां, फल और रेशेदार वनपस्तियां कैंसर से बचाती हैं. लंबे समय तक किए गए शोधों से पता चला है कि अच्छा आहार कैंसर के खिलाफ काफी असरदार होता है. फास्ट फूड से परहेज करना अच्छा रास्ता है.
तस्वीर: Colourboxएक्सरे जीनोम को नुकसान पहुंचाता है. सबसे ज्यादा नुकसानदेह कंप्यूटर टोमोग्राफी होती है, इसीलिए जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक कंप्यूटर टोमोग्राफी से बचना चाहिए.
तस्वीर: CHROMORANGEअगर कोई इंसान सब कुछ ठीक भी करे, तब भी उसे कैंसर हो सकता है. कैंसर के 50 फीसदी मामलों के लिए जीन और उम्र जिम्मेदार होते हैं. ब्रेन कैंसर आनुवांशिक भी होता है. (रिपोर्ट: ब्रिगिटे ओस्टेराथ/ओएसजे)
तस्वीर: Reuters/K. Abdullah एए/आरपी (रॉयटर्स)