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समाज

मी टू अभियान से बॉलीवुड सितारों पर क्या हुआ असर

२९ नवम्बर २०१९

मी टू अभियान के बाद हॉलीवुड के कई सितारों की चमक फीकी पड़ी. पीड़िताओं के समर्थन में लाखों डॉलर का चंदा भी इकट्ठा हुआ लेकिन बॉलीवुड के अंदर इसका उल्टा असर दिखा. आरोप लगाने वाली महिलाएं ही गुमनामी में चली गईं.

Frankreich Paris | Metoo Protest
तस्वीर: Getty Images/AFP/B. Guay

एक साल पहले हॉलीवुड के बाद बॉलीवुड में भी कई महिलाओं ने पुरुष सहकर्मियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. लेकिन इसके बाद भी बॉलीवुड में कोई ज्यादा बदलाव नहीं आया है. कई महिलाएं कहती हैं कि वे गुमनामी के अंधेरे में धकेल दी गईं जबकि जिन पर आरोप लगाया था वे वापस सुर्खियों में हैं.

अमेरिका में 'मी टू' की वजह से हार्वी वाइनस्टाइन, केविन स्पेसी और ब्रेट रैटनर सहित कई सितारों की लोकप्रियता गिर गई. पीड़िताओं को अपनी आवाज उठाने के लिए सम्मानित किया गया. उनके मामलों का समर्थन करने के लिए लाखों डॉलर चंदा इकट्ठा हो गए. बॉलीवुड में ऐसा कुछ नहीं हुआ. मी टू अभियान चलाने वाले कहते हैं कि यहां महिलाओं को ही काफी ज्यादा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

जब गायिक सोना महापात्रा ने संगीतकार अनु मलिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, तो उन्हें टीवी टैलेंट शो, "सा रे गा मा पा" में अपने जज की सीट खाली करने के लिए कहा गया. महापात्रा ने पिछले महीने कहा, "मुझे परेशानी खड़ा करने वाली के रुप में चिन्हित किया गया और शो छोड़ने के लिए कहा गया." हालांकि कार्यक्रम के निर्माता जी टीवी ने इससे इनकार किया है. जी टीवी ने कहा कि उनके इस कार्यक्रम से बाहर होने और मी टू के बीच कोई संबंध नहीं है.

अनु मलिक के खिलाफ 1990 के दशक में भी छेड़छाड़ का मामला दर्ज हुआ था. पिछले साल मी टू के हंगामे के बाद उन्हें सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले शो 'इंडियन आइडल' के जज से हटना पड़ा था हालांकि उन्हें बाद में फिर से बहाल कर दिया गया. मलिक ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया था. लेकिन जब मी टू चलाने वालों ने फिर से जोरदार विरोध जताया तो उन्हें दूसरी बार शो से बाहर होना पड़ा. वह बॉलीवुड में मी टू अभियान की एक असाधारण जीत थी क्योंकि उत्पीड़न और यहां तक की रेप का आरोप लगने के बाद भी कई सारे आरोपी कुछ समय बाद अपने पेशे में सही से काम करने लगे. उनके करियर का कोई नुकसान नहीं हुआ.

तस्वीर: Imago/Hindustan Times/P. Guha

यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगने के बाद डायरेक्टर विकास बहल का नाम शुरुआत में हिट फिल्म 'सुपर 30' के क्रेडिट से हटा दिया गया था. लेकिन बाद में एक आंतरिक समिति की जांच के बाद उन्हें क्रेडिट दिया गया. जांच के दौरान कथित तौर पर पीड़िता को शामिल नहीं किया गया था.

फिल्म निर्माता सुभाष कपूर के ऊपर भी छेड़खानी का एक मामला चल रहा है. आरोप लगने के बाद शुरू में आमिर की एक फिल्म से इन्हें हटा दिया गया था. लेकिन बाद में आमिर खान ने उन्हें वापस ले लिया और कहा कि यह कोर्ट तय करेगा कि वह दोषी हैं या नहीं. अभिनेता आलोक नाथ के ऊपर रेप का आरोप लगा था. उन्होंने इस मामले में शिकायतकर्ता के ऊपर ही मानहानि का मुकदमा कर दिया है. वे मी टू को लेकर एक फिल्म 'मैं भी' बना रहे हैं जो जल्द ही रिलीज होने वाली है. इस फिल्म में वे एक जज का किरदार निभा रहे हैं जो यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई करता है.

गायिका श्वेता पंडित ने आरोप लगाया कि जब वह 15 साल की थी तभी 40 वर्षीय अनु मलिक ने काम देने के बदले किस करने को कहा था. श्वेता कहती हैं, "मैं कई सारे उन लोगों की सलाह को याद करती हूं जिन्होंने कहा कि एक साल के लिए कहीं चली जाओ, लोग सारी बातें भूल जाएंगे." शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित गायिका पंडित ने कहा कि उस घटना के बाद वे पूरी तरह 'खत्म' हो गईं और अकेले में रहने लगीं. वे कहती हैं," मैंने लोगों पर विश्वास करना बंद कर दिया. संगीत ही एक ऐसा माध्यम था जिससे मैं खुद को व्यक्त कर सकती थी." पिछले साल मी टू कैंपेन शुरू होने तक उन्होंने इस घटना के बारे में किसी से चर्चा नहीं की. इसके बाद जब उन्होंने अपनी बात कही तो उन्हें ऑनलाइन ट्रोल किया गया और आलोचना की गई.

श्वेता पंडित कहती हैं, "कुछ लोग सोचते हैं कि अगर हम इसे काम पर रख रहे हैं तो वह कुछ बोलेगी, इसलिए इससे सावधान रहना ही सही है." वह बताती हैं कि कुछ लोगों के लिए बोलने वाली महिलाएं मुसीबत होती हैं और बताती हैं कि "मेरे कई शुभचिंतकों ने कुछ भी नहीं बोलने को कहा था लेकिन मुझे अपने स्टैंड पर कायम रहना है." वे इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में यौन उत्पीड़न के खिलाफ कार्यशाला का आयोजन करते वाली एक कंसल्टेंट अनुषा खान कहती हैं, "सच्चाई यह है कि बॉलीवुड अभी भी इस समस्या से जूझ रहा है. जिनके ऊपर आरोप लगता है उनकी सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत है. इसी का नतीजा है कि आरोप लगने के बाद भी कई सारे पुरुष अपने करियर में फिर से आगे बढ़ रहे हैं. अपने ऊपर लगे आरोप का उन्हें कोई पछतावा भी नहीं है."

तस्वीर: Getty Images/AFP/STR

भारत में मी टू अभियान की शुरुआत करने में भी काफी बाधाएं आई. सबसे बॉलीवुड में सबसे पहले अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर के ऊपर आरोप लगाया. अपने आरोप में उन्होंने कहा था कि 2008 में एक गाने की शूटिंग के दौरान नाना पाटेकर ने उन्हें गलत तरीके से छुआ था. यह सिर्फ बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं रहा. एक पूर्व संपादक पर भी आरोप लगा.

पूर्व मिस इंडिया रह चुकी तनुश्री दत्ता ने कहा कि इस घटना से उनका करियर समाप्त हो गया. यहां तक की पुलिस ने उनकी शिकायत को दर्ज करने से मना कर दिया था. वे कहती हैं, "मेरा काम छूट गया. मैंने अपने दोस्तों को खो दिया. लंबे समय तक मैं अवसाद में रही." बाद में पुलिस ने उनकी शिकायत दर्ज की लेकिन पर्याप्त सबूत न होने की वजह देते हुए जून में मामले को बंद कर दिया गया. हालांकि दत्ता ने आरोप लगाया था कि सही तरीके से जांच नहीं की गई. नाना पाटेकर जो कई बार अपने ऊपर लगे आरोप को खारिज करते रहे हैं, ने इस बार किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी. दत्ता फिर से अपील करने की तैयारी में हैं. वे कहती हैं, "मी टू सिर्फ एक शुरुआत है. मैंने कभी क्रांतिकारी बनने की कोशिश नहीं की. लेकिन वे मेरे करियर को बर्बाद कर चुके हैं. अब मेरे पास खोने को कुछ नहीं है. मैं अब पीछे नहीं हटूंगी."

आरआर/आरपी (एएफपी)

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