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मुकदमे से पहले बीपी ने किया मुआवजे का एलान

३ मार्च २०१२

तेल कंपनी बीपी दो साल पहले मेक्सिको की खाड़ी में तेल रिसाव से प्रभावित हुए हजारों लोगों को मुआवजा देने के लिए 7.8 अरब डॉलर के करार पर रजामंद हो गई है. अमेरिकी इतिहास का यह सबसे बड़ा हादसा था.

तस्वीर: AP

शनिवार को लंदन में इस करार का एलान किया गया. कई महीनों से चली आ रही बातचीत के बाद शुक्रवार की रात इस करार पर सहमति बन गई. सोमवार को बीपी के खिलाफ न्यू ऑर्लीन्स में कानूनी कार्रवाई शुरू होने वाली थी. अब इसे दूसरी बार बाद में सुनवाई के लिए टाल दिया गया है. बीपी के मुखिया बॉब डडले ने कहा, "शुरुआत से ही बीपी खाड़ी के तटवर्ती इलाके में रहने वाले समुदायों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पूरी कर रहा है और अपना वादा पूरा करने के लिए पिछले दो सालों में हमने कड़ी मेहनत की है."

फायदे का दावा

बीपी का कहना है कि इस करार से 1 लाख मछुआरों, स्थानीय लोगों और सफाई के काम में जुटे लोगों को फायदा पहुंचेगा जिनका रोजगार या स्वास्थ्य इस हादसे के कारण खतरे में पड़ गया. कंपनी को उम्मीद है कि मुआवजे के दावों को निपटाने के लिए अलग से निकाल कर रखे 20 अरब डॉलर के फंड से काम निकल जाएगा. अभियोजकों के गुट के वकील का कहना है कि इस मुआवजे से बड़ी संख्या में लोगों को बड़ा फायदा मिल सकेगा.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

कंपनी मुआवजा देने के लिए तो तैयार हो गई है लेकिन इसके साथी उसने इस हादसे की जिम्मेदारी लेने से साफ इनकार कर दिया है. उसका कहना है कि अमेरिकी सरकार, प्रांतीय सरकार और तेल कुंओं खुदाई करने वाली कंपनियों के दावे पर कोई असर नहीं होगा. अप्रैल 2010 में डीपवाटर होराइजन प्लेटफॉर्म में हुए धमाके ने 11 तेल कर्मचारियों की जान ले ली और 40 से 50 लाख बैरल कच्चा तेल मेक्सिको की खाड़ी में बह गया. रिसते कुएं पर ढक्कन लगाने में कंपनी को 87 दिन लगे.

रिश्तों में तनाव

बीपी के पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव टोनी हेवर्ड को घटना के बाद शुरु हुए विरोध प्रदर्शनों के कारण इस्तीफा देना पड़ा. इस हादसे ने अमेरिकी और इस कंपनी के बीच रिश्तों में भी गंभीर तनाव ला दिया. नए चीफ एग्जिक्यूटिव डडले एक अमेरिकी नागरिक हैं और उन्होंने इस मौके पर कहा कि हमारी प्रतिबद्धता न सिर्फ प्रभावित क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे अमेरिका के लिए भी है. डडले ने बताया, "बीपी अमेरिका में 100 से ज्यादा सालों से काम कर रहा है, अमेरिका में हमारे 23000 कर्मचारी हैं और किसी भी देश की तुलना में ज्यादा निवेश अमेरिका में किया जाता है."

टली सुनवाई

इस मामले में एक सुनवाई सोमवार को शुरू होने वाली थी लेकिन फेडरल जज कार्ल बार्बियर ने बताया कि अब इसे फिलहाल टाल दिया गया है. ऐसा दूसरी बार हुआ है. जज ने अपने बयान में कहा है. इस निपटारे से, "संबंधित पक्षों में बदलाव हो सकता है. सभी पक्ष इस मुआवजे के हिसाब से अपनी स्थिति का आकलन करेंगे." इस मुकदमे में तेल रिसाव से होने वाले नागरिकों को नुकसान के लिए जुर्माने के बारे में फैसला किया जाना है. मुआवजे पर सहमति होने के बावजूद इसके चलने के आसार है जिससे कि बीपी और दूसरे लोगों पर आरोपों का बंटवारा हो सके.

तस्वीर: AP

आरोप प्रत्यारोप

इस मामले में शामिल दूसरी कंपनियों में ट्रांस ओशेन और हैलीबर्टन भी है. हादसे का शिकार हुआ कुआं ट्रांसओशेन का है जबकि हैलीबर्टन एक ऊर्जा कंपनी है. इन सभी ने हादसे के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाए. बीपी ने अब तक 7.5 अरब डॉलर की रकम सफाई के खर्च और मुआवजे के लिए दिया है. कंपनी के बयान में कहा गया है कि प्रस्तावित मुआवज से पहले बीपी ने खाड़ी में अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने पर 22 अरब डॉलर खर्च किए हैं. कंपनी ने 8.1 अरब डॉलर पीड़ितों, व्यापार और सरकारी विभागों को दिए हैं. कंपनी के मुताबिक इसके अलावा उसने 14 अरब डॉलर और खर्च किए है जिन्हें वह 'ऑपरेशनल रिस्पांस' बताती है.

रिपोर्टः डीपीए/ एन रंजन

संपादनः आभा एम

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