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मुक्त व्यापार पर जल्द समझौता संभव

१० दिसम्बर २०१०

ब्रसेल्स में भारत और यूरोपीय संघ के बीच शिखर वार्ता में दोनों पक्षों ने कहा है कि मुक्त व्यापार पर सहमति बनाने की जटिल प्रक्रिया अपने आखिरी दौर में पहुंची. आतंकवाद के मुद्दे पर सहयोग बढ़ाने पर भी हुई बातचीत.

तस्वीर: AP

ब्रसेल्स में 11वीं भारत-ईयू शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने व्यापार और निवेश के क्षेत्र में भारत और यूरोपीय संघ के रिश्तों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम बेहद जटिल प्रक्रिया के आखिरी चरण में हैं. 2011 की शुरुआत में ही सहमति बना लेने के लिए हमने अपने अधिकारियों को कह दिया है. इसके लिए प्रयासों को दोगुना करने की जरूरत है.

तस्वीर: DW

भारत और यूरोपीय यूनियन के बीच संबंधों की अहमियत पर जोर देते हुए यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष खोसे मैन्युएल बारोसो ने कहा, "आज हम एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य की नींव पर सहमत हो गए हैं. अब हमें राजनीतिक प्रयासों को उस दिशा में आगे बढ़ाना है. हमारा उद्देश्य अगले महीने तक बातचीत को पूरा कर लेना है. मुझे विश्वास है कि हमारा भविष्य उज्ज्वल है और जब अगले साल हम दिल्ली में मिलेंगे तो हमारे बीच कई अहम समझौते हो चुके होंगे."

भारत और यूरोपीय संघ ने मुक्त व्यापार पर बातचीत में प्रगति होने की घोषणा की है. बारोसो के मुताबिक मुक्त व्यापार समझौते पर 2011 में हस्ताक्षर किए जा सकते हैं. भारत और ईयू के बीच मुक्त व्यापार के मसले पर 2007 से बातचीत चल रही है और अगर समझौता अमल में आ जाता है तो द्विपक्षीय व्यापार में 40 अरब डॉलर का बढ़ावा होने की उम्मीद है. जिन बिंदुओं पर बातचीत अटक रही थी उनमें बौद्धिक संपत्ति अधिकार, पर्यावरण और मानवाधिकार से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.

अब दोनों पक्ष अगले साल के शुरू में समझौता होने की उम्मीद जता रहे हैं. मुक्त व्यापार समझौता लागू होने पर द्विपक्षीय व्यापार 90 अरब डॉलर प्रतिवर्ष से बढ़कर 130 अरब डॉलर होने की संभावना है.

ब्रसेल्स शिखर वार्ता में भारत और यूरोपीय संघ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं. यूरोपीय संघ नेतृत्व और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से जारी एक साझा वक्तव्य में कहा गया है कि आतकंवादी ढांचे को नेस्तनाबूद करने के लिए सभी देशों को मिलकर काम करना होगा. साझा बयान में आतंकवाद के मुद्दे पर किसी देश का नाम नहीं लिया गया है. यूरोपीय देशों को आशंका है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान सीमा से आए आतंकवादी यूरोपीय शहरों में मुंबई हमले की तर्ज पर आतंकवादी घटना को अंजाम दे सकते हैं.

आर्थिक मुश्किलों से जूझ रहा यूरोपीय संघ भारत की ओर हसरत भरी निगाहों से देख रहा है. ईयू चाहता है कि भारत अपने बीमा क्षेत्र को उदार बनाते हुए विदेशी कंपनियों का निवेश बढ़ाने की इजाजत दे.

साझा घोषणापत्र में भारत और ईयू आतंकवाद के मुद्दे पर जिन अहम बिंदुओं पर सहमत हुए हैं उन पर एक नजर:

  • रणनीतिक जानकारी के बेहतर समन्वयन पर जोर ताकि आतंकवादी गतिविधियों को काबू में किया जा सके.
  • आतंकवादियों के वित्तीय संसाधनों पर लगाम कसने के प्रयास तेज करने होंगे.
  • अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संघ के साथ यात्री सुविधा और कार्गो सुरक्षा बढ़ाने के लिए मिल कर काम करने की कोशिश.
  • आतंकवादियों के महफूज ठिकानों के खिलाफ अभियान तेज करने की कार्रवाई को प्राथमिकता

रिपोर्ट: अनवर जे अशरफ, ब्रसेल्स

संपादन एस गौड़

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