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मुखर्जी को आए याद वामपंथी

२ दिसम्बर २००९

वामपंथियों को यूपीए गठबंधन का साथ छोड़े एक साल हो गया है लेकिन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को अब भी उनकी याद आती है. मुखर्जी ने वामपंथियों को "मूल्यवान सहयोगी" बताया और कहा कि उनके रहते सरकार ने कोई बंधन महसूस नहीं किया.

प्रणव मुखर्जीतस्वीर: UNI

राज्यसभा में प्रणव मुखर्जी ने कुछ सांसदों की इस टिप्पणी का जवाब दे रहे थे कि वामपंथियों का साथ छूट जाने के बाद यूपीए सरकार विनिवेश को आगे बढ़ा रही है. मुखर्जी ने कहा, "मुझे ऐसा नहीं लगता कि वामपंथियों की तरफ़ से किसी तरह का बंधन था. वे हमारे मूल्यवान साथी थे."

मुखर्जी लाभ में चल रही सरकारी क्षेत्र की कंपनियों के विनिवेश पर लाए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, "यूपीए सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में सात सरकारी कंपनियों का विनिवेश किया. उस वक़्त वामपंथी सरकार का समर्थन कर रहे थे." उन्होंने कहा कि यह कहना ग़लत है कि सरकार इसलिए विनिवेश को बढ़ावा दे रही है क्योंकि इस बार वामपंथी उसका समर्थन नहीं कर रहे हैं.

मुखर्जी ने कहा, "पिछली यूपीए सरकार के न्यूनतम साझा कार्यक्रम मैंने विनिवेश किया. मैं अब यह कर रहा हूं और अगर मुझे मौक़ा मिला तो आगे भी करूंगा. हमें बुनियादी मतभेदों के साथ रहना चाहिए. वामपंथी विनिवेश में विश्वास नहीं करते, मैं करता हूं."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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