मुझे धमकाने वाले धोनी पर कार्रवाई हो: हार्पर
१५ जुलाई २०११![](https://static.dw.com/image/6510724_800.webp)
भारत और वेस्ट इंडीज के खिलाफ किंग्सटन टेस्ट में हार्पर के फैसलों से भारतीय खिलाड़ी खुश नहीं थे जिसके चलते डैरल हार्पर पर दबाव बढ़ा और उन्होंने तीसरे टेस्ट में अंपायरिंग से नाम वापस ले लिया. धोनी से खफा हार्पर ने कहा है कि उनके फैसलों पर आपत्ति जताने वाले धोनी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हार्पर के मुताबिक आईसीसी ने धोनी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया जिसके चलते उन्हें अपनी चुप्पी तोड़नी पड़ रही है.
हार्पर ने स्पष्ट किया कि पिच पर बार बार दौड़ने की वजह से उन्होंने प्रवीण कुमार को गेंदबाजी करने से रोक दिया और उसके बाद ही धोनी ने आपत्ति जता दी. हार्पर ने बताया, "धोनी ने मुझसे आकर कहा कि डैरल, तुम्हारे साथ हमारी पहले भी दिक्कतें हो चुकी हैं." मैच खत्म होने के बाद भी धोनी ने हार्पर पर हमला जारी रखते हुए कहा, "अगर सही फैरसले लिए जाते तो मैच काफी पहले ही खत्म हो गया होता और मैं इस समय होटल में होता."
हार्पर धोनी के इस बयान को गैरजिम्मेदाराना मानते हैं. आईसीसी के जनरल मैनेजर डेविड रिचर्डसन ने धोनी के बयान को पक्षपातपूर्ण बताया लेकिन उन्होंने या मैच रेफरी जैफ क्रो ने धोनी के खिलाफ कोई कार्रवाई की. हार्पर ने दुखी मन से कहा कि भारतीय खिलाड़ियों और मीडिया ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया लेकिन आईसीसी से उन्हें समर्थन नहीं मिला. इसके चलते ही उन्होंने एक टेस्ट पहले ही रिटायर होने का फैसला ले लिया.
हार्पर संन्यास लेने के लिए आईसीसी की सुस्ती को भी जिम्मेदार मानते हैं. "आईसीसी ने मेरे रिटायर होने के बाद कहा कि आंकड़ों के हिसाब से भारत के खिलाफ उनके 96 फीसदी फैसले सही रहे हैं औऱ यह शानदार अंपायरिंग का नमूना है. अगर आईसीसी समय रहते ही ऐसे बयान जारी कर देती तो फिर एक मैच पहले मेरे रिटायर होने की नौबत नहीं आती और मैं अपने आखिरी मैच में जरूर अंपायरिंग करता."
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए जमाल