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मुझे बलि का बकरा बनाया गयाः मित्तल

२० अक्टूबर २०१०

कॉमनवेल्थ गेम्स घपले मामले में बीजेपी नेता सुधांशु मित्तल ने भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार किया है. आयकर विभाग ने मित्तल के परिसरों पर छापे मारे हैं. बीजेपी नेता के मुताबिक उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है.

तस्वीर: AP

मित्तल और उनके रिश्तेदारों को कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े कई निर्माण संबंधी ठेके मिले. अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर मित्तल ने कहा, "मुझे सिर्फ राजनीतिक रूप से बलि का बकरा बनाया गया है." बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और प्रमोद महाजन के बेहद करीबी समझे जाने वाले मित्तल का कहना है कि उनकी कंपनी दिल्ली टेंट्स एंट डेकोरेटिव कॉमनवेल्थ ने खेल एजेंसियों के साथ सिर्फ 29 लाख रूपये का कारोबार किया.

बीजेपी नेता के मुताबिक खेलों में गड़बड़ी की जांच के नाम पर राजनीति हो रही है. वह कहते हैं, "खेलों पर खर्च हुए 77 हजार करोड़ रुपये में से मेरी कंपनी ने सिर्फ 29 लाख रूपये का कारोबार किया और अब मुझे भ्रष्टाचार का मुख्य आरोपी माना जा रहा है. क्या यह सही है." मित्तल का कहना है कि वह हर तरह की जांच के लिए तैयार हैं.

जब मित्तल से 230 करोड़ रूपये का कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाली कंपनी दीपाली डिजाइन से उनके सबंधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्र निदेशक के तौर पर फरवरी में कंपनी में शामिल हुए और जुलाई में इस्तीफा दे दिया. वह कहते हैं, "मेरा दीपाली डिजाइंस में एक भी शेयर नहीं है. न ही मेरे परिवार के सदस्या का इसमें कोई शेयर है. मुझ से स्वतंत्र निदेशक के तौर पर कंपनी को बोर्ड में शामिल होने का आग्रह किया गया था. मैं इस साल फरवरी में कंपनी का हिस्सा बना और जुलाई में उसे छोड़ दिया."

मित्तल बताते हैं कि उनके निदेशक बनने से पहले दीपाली डिजाइंस ने कॉमनवेल्थ खेलों के कॉन्ट्रैक्ट के लिए बोली लगाई.

मंगलवार को आयकर विभाग के 200 से ज्यादा अधिकारी मित्तल और उनके रिश्तेदारों के परिसरों में पहुंचे. कॉमनवेल्थ खेलों से जुड़े काम के सिलसिले में टैक्स चोरी के मामले में ये छापे मारे गए. उधर बीजेपी के अध्यक्ष नितिन गड़करी ने मांग की है कि कॉमनवेल्थ घपलों की छानबीन के लिए संयुक्त संसदीय जांच समिति बनाई जाए. उनके मुताबिक यह एक बहुत बड़ा घोटाला है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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