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मुल्ला उमर ने शांतिवार्ता को अफवाह कहा

१६ नवम्बर २०१०

तालिबान ने हिंसा का रास्ता छोड़ बातचीत के जरिए शांति के विकल्प को एक बार फिर ठुकरा दिया है. तालिबान के नेता मुल्ला उमर ने शांतिवार्ता में शामिल होने की रिपोर्टों को भ्रम में डालने वाली कोरी अफवाह बताया है.

मुल्ला उमरतस्वीर: AP

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई देश में अमन चैन कायम करने के लिए तालिबान से बातचीत का रास्ता अपनाने की लगातार अपील कर रहे हैं. तालिबान ने उनकी इस अपील को फिर ठुकरा दिया है. लेकिन बीच बीच में मीडिया रिपोर्टों के हवाले से तालिबान के शांतिवार्ता में शामिल होने की खबरें भी आती रहती हैं.

तालिबान के नेता मुल्ला उमर के हवाले से जारी एक बयान में ऐसी मीडिया रिपोर्टों को भ्रम में डालने वाली महज कोरी अफवाह बताया गया है. बयान में स्पष्ट किया गया है कि तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच सुलह समझौते जैसी कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है.

मुल्ला उमर ने दोहराया है कि नाटो के सैनिक अब बेअसर हो गए हैं और अपनी हार को करीब देखकर ही इस तरह की अफवाहें फैलाई जा रही हैं.

उधर पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में नाटो के नेताओं की दो दिन की बैठक शुक्रवार को शुरू होने जा रही है जिसमें अफगानिस्तान में नई रणनीति का खाका तैयार किया जाएगा. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रिचर्ड होलब्रुक ने बताया कि इस बैठक में अफगानिस्तान से नाटो सैनिकों की वापसी की योजना को भी अंतिम रूप दिया जाना है. हॉलब्रुक ने बताया कि लिस्बन बैठक मिशन अफगानिस्तान की समाप्ति का रास्ता तय करेगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/निर्मल

संपादनः ए कुमार

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