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मुशर्रफ ने उग्रवादी ट्रेनिंग की बात मानी

५ अक्टूबर २०१०

पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने माना है कि पाकिस्तान ने कश्मीर में भूमिगत उग्रवादी गुटों को ट्रेनिंग दी. पाकिस्तान के सरकार प्रमुख रह चुके किसी शख्स ने पहली बार यह बात मानी.

मुशर्रफ ने मानी ट्रेनिंग की बाततस्वीर: AP

पिछले दिनों लंदन में मुशर्रफ ने अपनी राजनीतिक पार्टी का एलान किया और 2013 से पहले पाकिस्तान लौटने का इरादा जाहिर किया. जर्मन पत्रिका डेर श्पीगल के साथ इंटरव्यू में मुशर्रफ ने कहा, "पाकिस्तान में लड़ रहे भूमिगत उग्रवादी गुट असल में तैयार किए गए हैं." जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने इस गुटों को ट्रेनिंग दी है तो उन्होंने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर नवाज शरीफ की संवदेनहीनता इसकी एक वजह थी. इसलिए दुनिया ने भी इस मुद्दे से नजर फेर ली.

मुशर्रफ ने साफ साफ कहा, "हां, हर देश को अपने हितों को बढ़ावा देने का हक है. खास कर तब, जब भारत संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है और बातचीत के जरिए इस मुद्दे के हल करने में दिलचस्पी नहीं रखता."

तस्वीर: AP

मुशर्रफ ने संकेत दिया कि उन्हें करगिल में घुसपैठ कराने का भी कोई मलाल नहीं है. इसके पीछे भी वह राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने की दलील देते हैं. वह कश्मीर मुद्दे पर कुछ न करने के लिए विश्व समुदाय और खास कर पश्चिम को आड़े हाथ लेते हैं. पूर्व पाकिस्तानी शासक का कहना है, "पश्चिम कश्मीर के समाधान की अनदेखी कर रहा था जो पाकिस्तान के लिए मुख्य मुद्दा है. हमें पश्चिम से और खास कर अमेरिका और जर्मनी जैसे अहम देशों से उम्मीद थी कि वे कश्मीर मुद्दे को सुलझाएंगे. क्या जर्मनी ने ऐसा किया?"

मुशर्रफ आगे कहते हैं, "हर चीज के लिए पश्चिमी जगत पाकिस्तान को जिम्मेदार बताता है. कोई भारतीय प्रधानमंत्री से नहीं पूछता कि आप परमाणु हथियार क्यों बना रहे हैं. आप कश्मीर में निर्दोष आम लोगों को क्यों मार रहे हैं. किसी को परवाह नहीं है कि 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए, वह भी सिर्फ इसलिए कि भारत ने बांग्लादेश का समर्थन किया. जर्मनी और अमेरिका ने बयान जारी किए लेकिन किया कुछ नहीं."

मुशर्रफ ने 2013 में पाकिस्तान के आम चुनावों में हिस्सा लेने के लिए ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग नाम से पार्टी बनाई है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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