मुश्किल है हार का सामना करना: सानिया मिर्जा
४ जून २०११मैच के बाद पैरिस में समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए सानिया ने कहा, "हार तो हार ही होती है, भले ही खेल के किसी भी पड़ाव पर हो. शुरू में बुरा लगता है. लेकिन जब मैं पीछे मुड़ कर अपने करियर की तरफ देखती हूं, तो मुझे बेहद संतुष्टी होती है कि मैं यहां तक पहुंच पाई."
कलाई में चोट लगने के कारण पिछले कुछ समय से सानिया के करियर को लेकर चिंता जताई जा रही थी. सेमीफाइनल मैच में सानिया के घुटने के नीचे पट्टी बंधी देखी गई. फिट ना होने के बाद भी सानिया फाइनल तक पहुंची, लेकिन यहां कोई करिश्मा नहीं दिखा पाईं. सानिया ने कहा कि मैच के दौरान तेज हवा के कारण वह ठीक प्रदर्शन नहीं कर पाईं. उन्होंने विजेता जोड़ी की तारीफ करते हुए कहा कि वह बेहतरीन ढंग से इस मुश्किल का सामना कर पाईं.
सानिया अपनी रूसी पार्टनर एलेना वेसनिना के साथ फ्रेंच ओपन महिला युगल के फाइनल तक पहुंची. पूरे टूर्नामेंट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद इस जोड़ी से फाइनल में भी काफी उम्मीदें लगाई जा रही थीं. फाइनल में सानिया और एलेना चेक गणराज्य की आंद्रेय लावाकोवा और लूसी राडेका के खिलाफ खेल रही थीं. चेक जोड़ी ने सानिया और एलेना को 6-4, 6-3 से हरा दिया.
सानिया के सामने यह ग्रैंड स्लैम जीतने का दूसरा मौका था. इस से पहले वह महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन मिक्स्ड डबल्ड जीत चुकी हैं. हालांकि वह दो बार महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल तक पहुंची, लेकिन जीत एक बार ही उनके हाथ लगी. इस बार भी वह चूक गईं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह