गुजरात हाई कोर्ट ने अपने ताजा आदेश में साफ किया है कि बाल विवाह निषेध कानून 2006 के दायरे में मुसलमान भी आते हैं. कोर्ट में सुनवाई कर रहे न्यायाधीश जेबी परदीवाला ने कहा कि जो भी मुस्लिम पर्सनल लॉ में बदलावों का विरोध करेगा वो असल में अपने ही समुदाय के हितों को नुकसान पहुंचाएगा.
बाल विवाह के अलावा मुस्लिम पर्सनल लॉ के अंतर्गत बहुविवाह, ट्रिपल तलाक जैसे कई ऐसे मामले हैं जिन पर समय समय पर बहस होती रही है. कई महिला अधिकार संगठन इन मुद्दों पर बदलाव लाए जाने की मांग कर रहे हैं.
किसी धर्म या अल्पसंख्यक समुदायों से जुड़े मामलों पर ऐसे आदेश बहुत आम नहीं हैं. कानून की नजर में बच्चों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए मुस्लिम समुदाय से भी बदलावों को अपनाने की अपील हुई.
दिसंबर 2014 में गुजरात हाई कोर्ट के सामने आए एक मामले में एक मुस्लिम युवक के खिलाफ उसी के समुदाय की एक 17 साल की लड़की से शादी करने की शिकायत थी, जिसमें कोर्ट ने उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अपील रद्द कर दी थी.
उस समय मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा था कि मुसलमान लड़कियों को मासिक धर्म शुरु होने के बाद या 15 साल की उम्र के बाद शादी करना बाल विवाह निषेध कानून के तहत गैरकानूनी नहीं माना जाना चाहिए.
18 साल से कम उम्र में शादी लड़की के आगे बढ़ने के सारे मौके रोक देती है. उसका स्कूल छूट जाता है, कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पाती. अधिकतर मामलों में वह घर में ही बंध कर रह जाती है. काम करे भी तो मजदूरी ही कर पाती है.
तस्वीर: Getty Images/P. Bronsteinदुनिया भर में 70 करोड़ महिलाएं ऐसी हैं जिनकी शादी 18 साल से कम उम्र में हो गई थी. करीब 25 करोड़ की 15 साल से भी पहले.
तस्वीर: DWयूनिसेफ की सूची में बांग्लादेश का नंबर चौथा और भारत का 12वां है. भारत में बाल विवाह गैर कानूनी होने के बावजूद अभी भी लड़कियों की शादी 18 से कम उम्र में कर दी जाती है.
तस्वीर: Harun Ur Rashid Swapanअगर अभी की गति बनी रही तो 2011 से 2020 के बीच 14 करोड़ से ज्यादा लड़कियों की 18 से कम उम्र में शादी हो जाएगी.
तस्वीर: APपुरानी परंपरा के अनुसार भारत के कई राज्यों में होने वाली शादियां तय तो बचपन में हो जाती थीं लेकिन लड़कियों का गौना बाद में होता था.
तस्वीर: APअधिकतर अफ्रीकी देशों में लड़कियों की हालत बहुत खराब है. गरीबी के कारण अक्सर लड़कियों की शादी कर दी जाती है, वह भी अपने से दुगने तिगुने बड़े पुरुष से.
तस्वीर: picture-alliance/dpaयूनिसेफ के 2013 के आंकड़ों के मुताबिक बाल विवाह का सबसे ज्यादा प्रतिशत नाइजर में है, जहां 75 फीसदी लड़कियों की शादी 18 से कम उम्र में हो जाती है.
तस्वीर: Zuberi Mussaयमन में हाल ही में एक बच्ची का नादा अल अहद का मामला सुर्खियों में आया था जो बूढ़े व्यक्ति से शादी होने की आशंका से घर से भाग गई थी. और मां बाप से कहा कि शादी करने की बजाय वह जान देना पसंद करेगी.
तस्वीर: picture-alliance/dpaजिन लड़कियों की बचपन में शादी हो जाती है वह स्कूल नहीं जा पाती. अल्पायु में गर्भ धारण करने पर प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं के कारण वे जान खो देती हैं.
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