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मूडी ने बढ़ाई भारत की रेटिंग, वित्त मंत्री खुश

१७ नवम्बर २०१७

करीब एक दशक से ज्यादा वक्त के बाद अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडी ने भारत की क्रेडिट रेटिंग बढ़ाई है. मूडी ने इसके पीछे मोदी सरकार में किये जा रहे आर्थिक सुधारों को वजह बताया है.

USA Moody's in New York
तस्वीर: picture alliance/ANP/L. van Lieshout

भारत में आर्थिक सुधारों को लेकर बीते कुछ महीनों में बहस काफी तेज रही है और बहुत से आर्थिक जानकार भारत की स्थिति को बेहद खराब बता रहे हैं. हालांकि इसी बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडी ने भारत की क्रेडिट रेटिंग यानी साख बढ़ा दी है. पहले यह बीएए2 थी जिसे अब बढ़ा कर बीएए3 किया गया है. जनवरी 2004 के बाद यह पहला मौका है जब क्रेडिट रेटिंग बढ़ाई गयी है. क्रेडिट रेटिंग का मतलब साख से है यानी इस देश को कर्ज देने या फिर निवेश करने वाली कंपनियों, सरकारों, संस्थाओं को अपना धन वापस मिलने की कितनी गारंटी है यह तय करने के लिए यह रेटिंग बनायी जाती है. इसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति, आर्थिक सुधारों और कुछ दूसरे आर्थिक मानकों को आधार बनाया जाता है.

तस्वीर: Imago/Hindustan Times/A. Yadav

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में मजबूत अर्थव्यवस्था और युवाओं की बढ़ती आबादी को रोजगार देने के वादे पर चुनाव जीता था. हालांकि बीते महीनों में आर्थिक जानकार लगातार देश की अर्थव्यवस्था के बुरे हाल में होने की बात कह रहे हैं. यहां तक कि बीजेपी के अंदर से भी कई नेताओँ ने इसके खिलाफ आवाज उठायी है. मूडी की नई रेटिंग आने के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि यह अपग्रेड, "बीते कुछ सालों में भारत में उठाये सकारात्मक कदमों की देर से की गयी पहचान है. यह काफी उत्साह बढा़ने वाला है कि हमारे कदमों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है. साथ ही जिस रास्ते पर हम चल रहे हैं उस पर बने रहने के हमारे निश्चय को भी मजबूत करेगा." अरूण जेटली ने यह भी कहा कि जो लोग भारत में सुधार प्रक्रिया पर संदेह जता रहे थे वो भी अपने रुख पर दोबारा विचार करेंगे.

मूडी का कहना है कि हाल में किए गये सुधारों से आर्थिक उत्पादकता बढ़ेगी, विदेशी और घरेलू निवेश में तेजी आएगी, साथ ही "मजबूत और टिकाऊ विकास को बढ़ावा मिलेगा." इन सुधारों में राष्ट्रीय स्तर पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स और टैक्स चोरी को रोकने के लिए 2016 के विवादित नोटबंदी को भी शामिल किया गया है. भारत के बारे में मूडी ने कहा है, "अर्थव्यवस्था में लगातार विकास और संस्थागत सुधार समय के साथ भारत की उच्च विकास क्षमता को बढ़ायेंगे."

मूडी और स्टैडर्ड एंड पूअर्स ने दो महीने पहले कर्ज के बढ़ते बोझ का हवाला दे कर चीन की क्रेडिट रेटिंग घटाई थी.

एनआर/एमजे (एएफपी)

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