1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मूत्र से बनेगी बिजली

Priya Esselborn१८ जुलाई २०१३

भारत में तो मूत्र के उपयोग के किस्से जगजाहिर हैं. अब ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने इसका इस्तेमाल कर मोबाइल फोन को रिचार्ज करने में सफलता पाई है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें मूत्र से ऊर्जा प्राप्त करने में कामयाबी मिली है और वे मोबाइल फोन को इतना चार्ज करने में सफल रहे हैं कि उसके जरिए टेक्स्ट संदेश भेजा जा सके और इंटरनेट सर्फ किया जा सके.

ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी और ब्रिस्टल रोबोटिक्स लैब के रिसर्चरों ने कहा कि उन्होंने ऐसा ऊर्जा सेल तैयार किया है जो मूत्र के तत्वों को अलग कर उससे बिजली बनाने के लिए बैक्टीरिया का इस्तेमाल करता है. इस संबंध में एक रिसर्च पेपर रॉयल सोसायटी ऑफ केमिस्ट्री की पत्रिका फीजिकल केमिस्ट्री केमिकल फीजिक्स में प्रकाशित की गई है.

मूत्र से बिजलीतस्वीर: DW/G. Rueter

इस रिसर्च के बारे में जानकारी देते हुए इंजीनियर इयोनिस इरोपुलुस ने कहा, "किसी ने मूत्र से ऊर्जा नहीं निकाली है, इसलिए यह एक रोमांचक खोज है." उनका कहना है कि ऊर्जा के इस नए स्रोत की खूबसूरती इस बात में है कि इसके लिए हवा या सूरज के अनिश्चित व्यवहार पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, "हम दरअसल ऊर्जा बनाने के लिए काम में आ चुकी चीज का फिर से इस्तेमाल कर रहे हैं."

मूत्र से ऊर्जा बनाने के लिए इयोनिस इरोपुलुस की टीम ने कार्बन फाइबर पर बैक्टीरिया उगाया और उसे चीनी मिट्टी के सिलिंडर में डाला. बैक्टीरिया ने सिलिंडर से भेजे गए मूत्र में उपलब्ध रसायन को अलग कर दिया और उससे थोड़ी मात्रा में बिजली पैदा हुई जिसे एक कंडेंसर में जमा किया गया. रिसर्चरों का मानना है कि कार की बैट्री के आकार वाले सेल को दूसरे कामों के लिए भी तैयार किया जा सकता है.

चार्ज हो सकेंगी बैटरियांतस्वीर: AP

इरोपुलोस के अनुसार टीम का लक्ष्य कुछ ऐसा बनाना था जिसे आसानी से लाया ले जाया जा सके. नई खोज के फायदे के बारे में वह कहते हैं, "एक उत्पाद, जिसकी सप्लाई कभी न खत्म होने की हम उम्मीद कर सकते हैं, हमारा मूत्र है." माइक्रोबियल फुएल पावर स्टैक (एमएफसी) नामक नया सेल अब तक इतनी बिजली पैदा कर रहा है जिससे एसएमएस, वेब ब्राउजिंग और एक छोटा कॉल संभव है.

इरोपुलोस के अनुसार नई मशीन को टेस्ट कर लिया गया है और वह काम करता है, "अब हमारा काम इस प्रक्रिया को विकसित करना और बेहतर बनाना है ताकि हम एमएफसी को बैट्री को पूरी तरह चार्च करने के लायक बना सकें." रिसर्चरों की टीम को उम्मीद है कि भविष्य में इनका इस्तेमाल घरेलू उपकरणों को चार्ज करने के लिए किया जा सकेगा.

एमजे/एजेए (एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें