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मेक्सिको में उल्का का अनोखा प्रदर्शन

१३ अक्टूबर २०१६

उल्का क्या बोल सकती है? मेक्सिको में 3.3 टन की एक उल्का, एक कला प्रदर्शनी में सचमुच बोल रही है और लोग आनंद ले रहे हैं. कला और विज्ञान जगत में हंगामा मचा है.

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तस्वीर: Nasa/Getty Images

संदेश देती उल्का

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आर्टिस्ट मारचेला अरमास और गिलबैर्तो एसपार्सा ने एक ऐसी मशीन बनाई है जो चुंबकीय क्षेत्र के आधार पर ध्वनि पैदा करती है. उन्होंने इस मशीन को ले कंसेप्सियोन उल्का से जोड़ दिया है और इससे ध्वनि पैदा हो रही है. यह मशीन उल्का के चुंबकीय क्षेत्र को पकड़ती है और उसे ध्वनि में बदल देती है.

एसपार्सा कहते हैं कि उनके विचार में यह उल्का बाहरी दुनिया की दूत है जो वहां का संदेश धरती पर ला रही है, "और जहां तक इस इंस्टॉलेशन के कलात्मक और काव्यात्मक पहलू का सवाल है तो हम इसे ध्वनि में बदलना चाहते थे, जैसे कि यह उल्का बोल रही हो."

उल्का विशेषज्ञ खोजे डानिएल फ्लोरेस गुटियेरेस बताते हैं कि उल्का के बहुत करीब रखे गए सेंसर उल्का के बदलते चुंबकीय क्षेत्र को पकड़ते हैं और आर्टिस्टों ने उसे ध्वनि में बदल दिया है, जिसे हम सुन रहे हैं.

प्रदर्शनी देखने आए दर्शक खोजे अंटोनियो दे डिएगो बताते हैं कि वहां निकल रही ध्वनि बहुत ही प्राकृतिक है. "वे आपको शांति देते हैं और आपको दूसरी दुनिया में ले जाते हैं." डिएगो के अनुसार यह ध्वनि ब्रह्मांड का अहसास कराती है, जो धीरे धीरे बदला है. और ये आवाज उस परिवर्तन को समझने में मदद देती है.

यह इंस्टॉलेशन लकड़ी के आठ लंबे टुकड़ों से बना है जिसमें सेंसर लगे हैं जो धीरे धीरे उल्का के असमतल सतह पर चलते हैं. इससे वह आवाज निकलती है जो ताराहुमारा जनजाति के लोगों के रीति रिवाजों से प्रेरित हैं. यह चीहुआहुआ पहाड़ों में रहने वाली जनजाति है. इन्हीं पहाड़ों पर 17वीं सदी में यह उल्का पाई गई थी.

यह आर्ट इंस्टॉलेशन इस समय मेक्सिको सिटी में एक्स टेरेसा आर्टे एक्चुअल म्यूजियम में दिखाई जा रही है.

एमजे/ओएसजे (रॉयटर्स)

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