बॉलीवुड की जानीमानी फिल्मकार और आमिर खान की पत्नी किरण राव का कहना है कि वह पहले मुख्यधारा की फिल्मों को बुरी फिल्मों का पयार्य मानती थीं. किरण राव आमिर की फिल्म लगान में सहायक निर्देशक थीं.
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किरण राव ने 17वें मुंबई एकेडमी ऑफ मूविंग इमेज (मामी) फिल्म फेस्टिवल के मौके पर कहा, "यह एक इत्तेफाक है कि मैं फिल्म स्कूल से उस वक्त लौटी, जिस वक्त मामी शुरू हुआ. क्लासिक फिल्म स्कूल से होने के कारण मेरा पूर्वाग्रह था कि मुख्यधारा की फिल्में बुरी फिल्मों का पर्याय हैं." किरण राव ने कहा, "मैं सोचती थी कि अपनी फिल्में यहां नहीं बना सकती. मैं 90 के दशक के अंत की मेनस्ट्रीम फिल्मों को बहुत बुरा मानती थी." उन्होंने कहा कि आमतौर पर फिल्मोत्सव दिखावटी होते हैं लेकिन मामी फिल्मोत्सव व्यावसायिक एवं कलात्मक फिल्मों का मिश्रण होगा.
नरम दिल पिता हैं आमिर
किरण के पति और मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान का कहना है कि वह एक नरम दिल पिता हैं. आमिर का कहना है कि वह अपने बच्चों का दोस्त बनने में यकीन रखते हैं, "मैं उन पर यकीन करने और मैं जो कुछ जानता हूं और मैंने जिंदगी में जो कुछ सीखा है, उन्हें सिखाने में यकीन रखता हूं." आमिर ने कहा, "मेरा मानना है कि मां-बाप और बच्चों के रिश्ते में बहुत भरोसा और विश्वास होना चाहिए. एक बच्चा जो बयान करना चाहता है, मतलब अपनी चिंताएं, डर और सपने, उन्हें बयान करते वक्त उसे खुशी और सुकून महसूस होना चाहिए. उन्हें ये सब चीजें आपके साथ बांटने में हिचक नहीं होना चाहिए." आमिर के दो बेटे जुनैद और आजाद राव और बेटी इरा हैं.
एमजे/आईबी (वार्ता)
कान 2015: चहकते विजेता नीरस फिल्में
शरणार्थियों पर बनी एक फिल्म, नाजी जनसंहार की एक कहानी और एक नीरस मार्शल आर्ट फिल्म. 68वें कान फिल्म महोत्सव में सिर्फ फीलगुड फिल्मों को ही पुरस्कार नहीं मिला है.
तस्वीर: Reuters/E. Gaillard
फ्रांस को गोल्डन पाम
कोएन बंधु ईथन और जोएल की अध्यक्षता वाली जूरी ने फैसला सुना दिया. इस साल का प्रमुख पुरस्कार जाक ऑडियार्ड को शरणार्थियों की समस्याओं पर बनी उनकी फिल्म दीपन के लिए दिया गया. भावनाओं में बहे ऑडियार्ड ने कहा कि कोएन बंधुओं के हाथ से यह पुरस्कार पाना अभूतपूर्व है.
तस्वीर: Reuters/E. Gaillard
प्यार और हिंसा के बीच
दीपन श्रीलंका के तीन शरणार्थियों की कहानी है जो गृहयुद्ध से भागकर परिवार बनकर फ्रांस पहुंचते हैं. फिल्म के हीरो दीपन को पेरिस के बाहरी इलाके में केयरटेकर की नौकरी मिल जाती है. परिवार नई दुनिया के अनुरूप ढलने की कोशिश करता है, लेकिन उसका सामना हिंसा और नासमझी से होता है.
तस्वीर: Festival de Cannes 2015 / Paul Arnaud / Why Not Productions
मुश्किल फिल्म
जूरी का ग्रां प्री पुरस्कार हंगरी के लास्लो नेमेस को उनकी पहली फिल्म सन ऑफ सॉल के लिए मिला. यह एक साहसिक चुनाव था क्योंकि इस फिल्म ने कान महोत्सव के दर्शकों को चौंकाया था. प्रभावशाली फिल्मांकन वाली यह फिल्म ऑउश्वित्स के नाजी यंत्रणा शिविर के एक बंदी की कहानी कहती है.
तस्वीर: Festival de Cannes 2015
संवेदनशील अभिनेत्री
सर्वोत्तम अभिनेत्री का पुरस्कार रूनी मारा को कारोल फिल्म में उनकी संवेदनशील भूमिका के लिए मिला. पैट्रिशिया हाइस्मिथ की लिखी फिल्म में केट ब्लेंचेट और रूनी मारा लेस्बियन पार्टनर की भूमिका में हैं, जो 1950 के दशक में इंगलैंड में असंभव प्यार को जीने की कोशिश कर रही हैं.
तस्वीर: Festival de Cannes 2015
पुरस्कार बांटने की खुशी
सर्वोत्तम अभिनेत्री का पुरस्कार फ्रांस की एमानुएल बैर्को ने रूनी मारा के साथ बांटा. अपने दोस्त माइवेन की फिल्म मों रोई में बैर्को एक ऐसी महिला की भूमिका में हैं जो एक गंभीर स्कीइंग दुर्घटना के बाद एक रीहैब क्लीनिक पहुंचती है. कसी हुई पटकथा और संवेदनशील अभिनय.
तस्वीर: Reuters/R. Duvignau
फेवरीट विजेता
पुरुषों के वर्ग में विंसेट लिंडन ने चहेता पुरस्कार अपने नाम किया. सर्वोत्तम अभिनेता के पुरस्कार के लिए फ्रांसीसी अभिनेता को पहले से ही फेवरीट माना जा रहा था. सोशल ड्रामा ला लोई डू मार्श (बाजार का कानून) में वे एक बेरोजगार की भूमिका में हैं जिसे एक सुपरमार्केट में सिक्योरिटी की नौकरी मिलती है.
तस्वीर: Festival de Cannes 2015
सर्वोत्तम निर्देशक
जूरी ने सर्वोत्तम निर्देशक का पुरस्कार ताइवान के हू सियाओ सीन को दिया. उनकी नीरस मार्शल आर्ट्स वाली फिल्म तांग वंश के अंतिम दिनों में 9वीं शताब्दी की पृष्ठभूमि में है. इसमें एक युवा महिला की कहानी है जिसे बचपन में एक मठ में भेज दिया जाता है जहां वह मारना सिखती है लेकिन प्यार करना नहीं.
तस्वीर: Festival de Cannes 2015
मिशेल फ्रांको की कामयाबी
मिशेल फ्रांको को क्रोनिक फिल्म में सर्वोत्तम पटकथा के लिए पुरस्कृत किया गया. मेक्सिकन लेखक ने इच्छामृत्यु पर अपनी अंग्रेजीभाषी पटकथा के साथ इस साल की सबसे उदासी वाली फिल्म दी. फिल्म में टिम रोथ ने मैनियाक पुरुष नर्स की भूमिका निभाई है जो मरीजों की जिंदगी में हस्तक्षेप करता रहता है.
तस्वीर: Reuters/R. Duvignau
अकेले क्यों
इस साल का जूरी पुरस्कार योर्गोस लैंथिमस को द लोब्स्टर के लिए मिला. यह महोत्सव की सबसे मसखरी फिल्म थी. कोलिन फैरेल ने इसमें एक परित्यक्त पति की भूमिका की है जिसके पास एक महिला या पुरुष पार्टनर खोजने के लिए 45 दिन का समय है. नाकामी का मतलब होगा कि वह पशु में बदल जाएगा.
तस्वीर: Reuters/R. Duvignau
खाली हाथ
इटली की इस बार दो प्रविष्टियां पुरस्कारों की दौड़ में थीं लेकिन उन्हें खाली हाथ ही रहना पड़ा. हार्वे काइटेल और माइकल केन की यूथ तथा जॉन टोर्टूरो की मिया माद्रे को फिल्मों के जानकार कान में पुरस्कारों की दौड़ में गंभीर प्रतिवादी मान रहे थे.
तस्वीर: Reuters/B. Tessier
इंतजार 2016 का
कुल मिलाकर इस साल की प्रतिस्पर्धी फिल्मों ने आलोचकों और दर्शकों पर गहरा असर छोड़ा. दुनिया भर के बड़े और छोड़े स्टारों ने इस बार भी महोत्सव का ग्लैमर बढ़ाया. कुछ खुश हुए, कुछ मायूस. सबको अब इंतजार है अगले साल का.