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मेरी फोटो का मतलब न निकालें: क्लिंटन

५ मई २०११

अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि बिन लादेन पर कार्रवाई के वक्त उनकी जो तस्वीर जारी हुई है, उसका कोई अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. क्योंकि उन्हें खुद नहीं याद है कि वह किस चीज को देख कर अचंभित हुईं.

Secretary of State Hillary Rodham Clinton makes a statement regarding the death of Osama bin Laden, Monday, May 2, 2011, at the State Department in Washington. (Foto:Jacquelyn Martin/AP/dapd)
तस्वीर: AP

पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन पर अमेरिका के नेवी सील दस्ते ने जब कार्रवाई की तो उसका सीधा प्रसारण अमेरिकी राष्ट्रपति निवास व्हाइट हाउस में देखा गया. राष्ट्रपति ओबामा और हिलेरी क्लिंटन के अलावा इस 'सिचुएशन रूम' में रक्षा दल के और लोग मौजूद भी थे. व्हाइट हाउस ने ओसामा बिन लादेन की तस्वीरें तो जारी नहीं कीं, लेकिन 'सिचुएशन रूम' की कुछ तस्वीरें सार्वजनिक की गईं. इसमें से एक तस्वीर में हिलेरी क्लिंटन को मुंह पर हाथ रखे हुए अचंभित मुद्रा में देखा जा सकता है. उन्हें देख कर ऐसा लग रहा है जैसे वो कोई भयानक दृश्य देख रही हों, जिस कारण उन्हें अपना चेहरा ढंकना पड़ा.

लेकिन हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि वह नहीं जानतीं कि जिस समय यह तस्वीर ली गई उस समय वह क्या देख रही थीं. क्लिंटन ने कहा, "वो 38 मिनट मेरे जीवन के सबसे तनावपूर्ण 38 मिनट थे." लेकिन उनके चेहरे के भाव और मुंह पर रखे हाथ से कोई मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. क्लिंटन का कहना है कि उन्हें कई तरह की एलर्जी है और ऐसा भी हो सकता है कि जिस समय तस्वीर ली गई तब वो खांस रही हों या छींक रोकने की कोशिश कर रही हों. क्लिंटन ने इतावली विदेश मंत्री फ्रांको फ्रातिनी के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस में यह बात कही. क्लिंटन लीबिया मुद्दे पर बातचीत के लिए रोम में हैं.

तस्वीर: The White House, Pete Souza/AP

उन्होंने यह भी कहा कि ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद भी अमेरिका और उसके सहयोगियों को अल कायदा के खिलाफ लड़ाई जारी रखनी होगी. उन्होंने कहा कि बिन लादेन पिछले 10 सालों से अमेरिका के निशाने पर था लेकिन उसकी मौत से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हो जाती. क्लिंटन ने कहा, "उसकी मौत से हमारा देश और दुनिया ज्यादा सुरक्षित हो गई हैं.... बिन लादेन की मौत से हमारा संकल्प और भी पक्का हो गया है क्योंकि हम जानते हैं कि इसका असर उन पर पड़ेगा जो अफगानिस्तान में लड़ रहे हैं."

क्लिंटन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ अमेरिका के रिश्ते कभी भी आसान नहीं रहे, लेकिन अमेरिका आगे भी कोशिश करता रहेगा कि वहां के लोगों और लोकतंत्र की मदद करता रहे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: ए जमाल

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