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मेरे पास रफ्तार हैः कार्तिकेयन

१९ अक्टूबर २०१२

फॉर्मूला वन कारों की दौड़ में शामिल अकेले भारतीय नारायण कार्तिकेयन अपनी एचआरटी कार के नखरों से तकरीबन हर रेस में जूझते हैं और उनका कहना है कि समस्याओं के बावजूद उन्होंने साबित किया है कि उनमें दम है.

तस्वीर: AP

इस साल की फॉर्मूला वन रेसों में छह बार कार्तिकेयन कार की वजह से रेस पूरी नहीं कर सके. उन्होंने अपनी टीम के साथी पेड्रो डे पा रोसा को कई बार अभ्यास मुकाबलों में पीछे छोड़ा. बावजूद इसके साल में उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन मोनाको ग्रां प्री में रहा जिसमें वो पंद्रहवें नंबर पर थे. अब अगले सीजन के लिए शीर्ष की जगहें तो भरी जा चुकी हैं, केवल एक दो जगह ही बची है जहां कुछ गुंजाइश बन सकती है. नारायण कार्तिकेयन का मानना है कि अच्छी जगह पाने के लिए रफ्तार के मामले में उन्होंने काफी कुछ किया है और वो इस काबिल हैं.

जैसी की पहले से ही उम्मीद की जा रही है, निको हुल्केनबर्ग सहारा फोर्स इंडिया को छोड़ साउबर से जुड़ने जा रहे हैं. इसका मतलब है कि भारतीय टीम को पॉल डी रेस्टा के लिए साथी की तलाश करनी होगी. भारतीय टीम से जुड़ने की संभावना के बारे में पूछने पर कार्तिकेयन ने कहा, "निश्चित रूप से ऐसी संभावना को मैं पसंद करूंगा क्योंकि मैंने यह साबित कर दिया है कि ऊपर के ग्रिड तक पहुंचने के लिए मैंने रफ्तार हासिल की है. हालांकि मुझे लगता है कि उनकी अपनी योजनाएं हैं और मैं थोड़ी मजबूत स्थिति में साल पूरा करने पर ध्यान दे रहा हूं."

तस्वीर: AP

इस साल की अभी चार रेस बाकी है और अनुमान लगाया जा रहा है कि एचआरटी पेड्रो डे ला रोसा को तो अपने साथ रखेगी लेकिन दूसरी सीट के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. फिलहाल यह सीट कार्तिकेयन के पास है. हालांकि कार्तिकेयन ने ऐसे संकेत दिए हैं कि अगले सत्र के लिए भी उन्होंने यह सीट हासिल कर ली है. कार्तिकेयन ने कहा, "फिलहाल तो मैं 2013 में एचआरटी के साथ ही रहना चाहूंगा क्योंकि हम हाल में शामिल हुई बेहतर सुविधाओं के साथ ज्यादा आगे बढ़ने के बारे में उम्मीद रख सकते हैं. मुझे लगता है कि इस बारे में सत्र पूरा होने के बाद जाड़े में फैसला ले लिया जाएगा."

कार्तिकेयन ने कहा कि यूरोपीय सर्किटों में वह पर्याप्त अभ्यास सत्रों में शामिल नहीं हो सके, इसकी वजह से उन्हें दुख पहुंचा हालांकि उनकी टीम ने ऐसी परिस्थिति में भी अच्छा प्रदर्शन किया. निजी तौर पर कार्तिकेयन इस बात से भी खुश हैं कि वह अपने टीम साथी पेड्रो के बराबर हैं. कार्तिकेयन ने कहा, "मैं अपने टीम साथी की बराबरी पर हूं और अभ्यास सत्र में उसे पीछे छोड़ा है इसलिए मैं रफ्तार के मामले में संतुष्ट हूं. जापान और कोरिया में मेरे पास प्रदर्शन दोहराने का मौका था लेकिन यांत्रिक समस्याएं बाधा बन गईं. मेरी किस्मत थोड़ी खराब रही."

नारायण कार्तिकेयन के पास इंडियन ग्रां प्री में अब अपने घरेलू प्रशंसकों के सामने प्रदर्शन करने का मौका है और उन्हें उम्मीद है कि वो अच्छा करेंगे.

एनआर/एमजे (पीटीआई)

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