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मेरे साथ नाइंसाफ़ी तो हुईः कांबली

१९ जुलाई २००९

विवादों के बीच भारत के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली ने एक बार फिर कहा कि नाइंसाफ़ी तो उनके साथ हुई ही है और उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में नौ बार वापसी करके चयनकर्ताओं को साबित भी कर दिया कि उनके अंदर कितनी क़ाबिलियत है.

अपनी पत्नी के साथ कांबलीतस्वीर: AP

कभी दुनिया के बेहतरीन ख़ब्बू बल्लेबाज़ों में गिने जाने वाले विनोद कांबली के दिल की भड़ास अभी निकली नहीं है. नागपुर में उन्होंने एक बार फिर कहा कि उनके साथ नाइंसाफ़ी हुई है और कई बार हुई है. जातीय भेदभाव तक का आरोप लगा चुके विनोद कांबली ने कहा, "जी हां, मेरे साथ नाइंसाफ़ियां हुई हैं. लेकिन सभी चयनकर्ताओं की तरफ़ से नहीं. मैं नौ बार क्रिकेट में शीर्ष पर लौटा और उन्हें हर बार ग़लत साबित किया. हर बार टीम में मेरी जगह बनती थी."

कांबली ने कहा कि जब उनके बचपन के दोस्त सचिन तेंदुलकर कप्तान थे और उन्होंने मुझे टीम में चुना तो चयनकर्ताओं ने उन्हें भी आड़े हाथों लिया और कहा, "आपने कांबली को अपनी दोस्ती की वजह से चुना." हालांकि कांबली ने बताया कि तेंदुलकर ने इसका करारा जवाब दिया और कहा कि कांबली का चयन पूरी तरह उनकी क़ाबिलियत पर आधारित है.

कांबली के पुराने दोस्त सचिनतस्वीर: picture-alliance/ dpa

विनोद कांबली ने कहा कि उन्होंने अभी संन्यास नहीं लिया है और पूरे विश्वास के साथ दावा किया कि उनके अंदर अभी भी क्रिकेट बचा हुआ है. उन्होंने कहा, "महान क्रिकेटर मोहिन्दर अमरनाथ ने आठ बार टीम में वापसी की लेकिन मैं तो नौ बार कर चुका हूं. मैंने अभी बूट नहीं टांगे हैं और अभी संन्यास लेने का भी कोई इरादा नहीं है."

कांबली से जब यह पूछा गया कि आख़िर आपके साथ क्या नाइंसाफ़ी हुई है तो उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया और कहा कि जल्द ही इस बात का ख़ुलासा किया जाएगा. सचिन तेंदुलकर पर मदद न करने से जुड़ी की गई टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांबली ने कहा, "आप पहले टीवी शो देखिए. इसका ग़लत अर्थ निकाला गया है और जिसने रिपोर्ट लिखी है, उसका झूठ पकड़ने वाली मशीन से जांच किया जाना चाहिए."

टीम में कांबली की जगह नहींतस्वीर: AP

कांबली ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड की 'मां-बाप' से तुलना करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी बीसीसीआई के ख़िलाफ़ कुछ नहीं कहा है. जब उन्हें यह बताया गया कि बीसीसीआई ने उनके घटते हुए ग्राफ़ को आधार बना कर उन्हें टीम में नहीं रखने का फ़ैसला किया, तो कांबली ने कहा कि उनके उस वक्त का घटा हुआ प्रदर्शन आज के कई खिलाड़ियों के प्रदर्शन से बेहतर था.

बाएं हाथ के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर कांबली ने कहा कि विवाद के बाद उन्होंने पहली बार सचिन तेंदुलकर से बात की और दोनों ने जम कर मज़ा किया. कांबली और तेंदुलकर ने शनिवार को अपने क्रिकेट गुरु रमाकांत अचरेकर के एक सम्मान समारोह में एक साथ शिरकत की थी. कांबली ने कहा कि उनके बयान से सचिन के फ़ैन्स दुखी नहीं होंगे क्योंकि, "हमारे फ़ैन्स एक ही हैं. वे हमारी दोस्ती जानते हैं."

कांबली ने सक्रिय राजनीति में जाने का भी इशारा दिया. वह लोक भारती नाम की पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और उन्होंने कहा कि अगर जनता चाहेगी तो वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी कई पार्टियों ने उनसे चुनाव लड़ने की अपील की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया.

रिपोर्टः पीटीआई/ए जमाल

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