मेर्कल ने रूस को खरीखोटी सुनायी
१५ अगस्त २००८चांसलर मेर्कल ने दक्षिणी ओसेतिया में रूसी सैनिक कार्रवाई की काफ़ी कुछ स्पष्ट शब्दों में आलोचना की और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव से कहा कि उन्हें जॉर्जिया की मुख्य भूमि पर से अपने सैनिक हटा लेना चाहिये. राष्ट्रपति मेद्वेदेव के साथ सोची में वार्ता के बाद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि वे रूस की कुछेक कार्रवाइयों को समुचित नहीं मानतीं:
"मैं जॉर्जिया की मुख्य भूमि पर रूसी सैनिकों की उपस्थिति को बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं मानती, इसलिए समझती हूँ कि यूरोपीय संघ की 6-सूत्री योजना को अविलंब साकार किया जाना चाहिये."
चांसलर मेर्कल ने कहा कि उन्हें यह सुन कर अच्छा लगा कि रूस 6-सूत्री योजना को एक अच्छा आधार मानता है. वे इस बात के भी पक्ष में हैं कि यूरोपीय संघ के अध्यक्ष के नाते फ्रांस के राष्ट्रपति निकोला सार्कोज़ी मॉस्को और त्बिलिसी गये, ताकि यह आधार बन सके. इससे समस्या का सामाधान भले ही न निकले, समाधान की दिशा में प्रगति तो हो ही सकती है. जर्मन चांसलर ने उन बातों का, जो अब निर्णायक हैं, उल्लेख करते हुए कहाः
"सबसे पहले तो सैनिकों को उन ठिकानों तक पीछे हटाना होगा, जो 6-सूत्री योजना में बताये गये हैं. दूसरा है, मानवीय सहायता का प्रश्न. मैंने बातचीत में साफ़-साफ़ कहा कि हम जॉर्जिया की तरह ही दक्षिणी ओसेतिया को भी मानवीय सहायता देना चाहते हैं. लोग ओसेत हों जॉर्जियाई, सहायता सबको मिलनी चाहिये."
चांसलर मेर्केल ने बताया कि रूसी राष्ट्रपति से उन्होंने यह भी कहा कि हम विवाद वाले क्षेत्र में एक बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय प्रेक्षक भी चाहते हैं. रूसी पक्ष इसे संभव मानता है.
"तीसरी बात यह है कि इस सबके बाद इस बारे में भी बात होनी चाहिये कि समस्या के राजनैतिक समाधान के लिए आगे क्या होगा. हम डेढ़ दशक का समय पहले ही गंवा चुके हैं, एक बार फिर 15 साल यौं ही नहीं बीत जाने दे सकते."
रूसी राष्ट्रपति मेद्वेदेव का कहना था कि रूस क्षेत्रीय अखंडता वाले सिद्धांत का आदर करता है, लेकिन वे नहीं समझते कि दक्षिणी ओसेतिया और अबख़ाज़िया जॉर्जिया की गोद में कभी लौटना चाहेंगे. दूसरे शब्दों में, समस्या के राजनैतिक समाधान के प्रश्न पर दोनो पक्षों के बीच मतभेद बना रहा.
चांसलर अंगेला मेर्कल जॉर्जिया के राष्ट्रपति मिखाइल साकाशविली से वार्ताओं के लिए रविवार को त्बिलिसी भी जायेंगी.