वर्ल्ड कप के खिताबी मुकाबले से पहले जर्मनी के कोच का कहना है कि अर्जेंटीना के मेसी से निपटने के लिए उनके पास एक गुप्त मंत्र है लेकिन यह वे किसी को बताएंगे नहीं. रविवार को है मुकाबला.
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कोच योआखिम लोएव का कहना है कि उनके खिलाड़ी रविवार को माराकाना में होने वाले मैच के लिए तैयार हैं. लोएव के असिस्टेंट हांसी फ्लिक ने बताया कि उनके खिलाड़ियों ने मेसी पर नियंत्रण करने का फॉर्मूला तैयार कर लिया है. उन्होंने कहा, "निश्चित तौर पर हमने देखा कि नीदरलैंड्स ने किस तरह से मेसी को बांधे रखा. हम भी कई बार अर्जेंटीना के खिलाफ खेल चुके हैं और हमारे पास भी एक प्लान है. लेकिन हम यह बता नहीं सकते."
सेमीफाइनल मुकाबले में नीदरलैंड्स ने अपने एक खिलाड़ी को लगातार मेसी को बांध कर रखने के लिए छोड़ रखा था. इसकी वजह से मेसी गेंद मिलने के बाद भी तेजी से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे. आखिर में मैच का नतीजा पेनाल्टी शूट से तय हुआ. अर्जेंटीना भी जानता है कि अगला मुकाबला एक ऐसी टीम से है, जिसने पिछले वर्ल्ड कप में उसे चार गोल से हराया था.
जर्मनी के लेफ्ट बैक बेनेडिक्ट होवेडेस का कहना है, "अब हम खिताब घर ले जाना चाहते हैं. अगर हम ऐसा नहीं करते हैं, तो लोग सेमीफाइनल के बारे में चर्चा करते रहेंगे." सेमीफाइनल में जर्मनी ने ब्राजील को 7-1 से हराया है.
फ्लिक ने माना कि कई ऐसे तथ्य हैं, जो जर्मनी के साथ हैं. यहां तक कि उनका सेमीफाइनल भी अर्जेंटीना से एक दिन पहले हुआ. जिसके बाद उन्हें आराम करने का ज्यादा मौका मिला. इसके अलावा अर्जेंटीना को मैच पेनाल्टी तक में ले जाना पड़ा, जबकि जर्मनी ने तय वक्त में ही जीत हासिल कर ली. लेकिन फाइनल का मुकाबला तो हमेशा अलग होता है.
एजेए/ओएसजे (डीपीए)
जर्मनी और अर्जेंटीना के 9 फाइनल
अगर दोनों टीमों को मिला दिया जाए, तो जर्मनी और अर्जेंटीना वर्ल्ड कप फुटबॉल के कुल नौ फाइनल खेल चुकी हैं. जबकि दो बार ये दोनों खिताबी मुकाबले के लिए भी भिड़ चुकी हैं. दोनों को एक एक जीत. देखते हैं अब तक के फाइनल.
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1930 मोंटेवीडियो
पहले वर्ल्ड कप में मेजबान उरुग्वे का मुकाबला अर्जेंटीना से फाइनल में हुआ. पाबलो डोराडो के नाम वर्ल्ड कप फाइनल का पहला गोल है, जिन्होंने उरुग्वे को 12वें मिनट में बढ़त दिला दी. लगभग एक लाख दर्शकों वाला फाइनल उरुग्वे ने 4-2 से जीता. अर्जेंटीना हारा.
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1954 बर्न
स्विट्जरलैंड में खेला गया मुकाबला पश्चिम जर्मनी की टीम का हंगरी से था. उस दौर में हंगरी फुटबॉल की महाशक्ति मानी जाती थी. उन्होंने जर्मनी को ग्रुप स्टेज में 8-3 से हराया था लेकिन फाइनल में बारिश हो गई और पश्चिम जर्मनी ने चमत्कारी ढंग से मुकाबला 3-2 से जीत लिया. पश्चिम जर्मनी जीता.
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1966 लंदन
मेजबान इंग्लैंड का मुकाबला पश्चिम जर्मनी से था. ज्यॉफ हर्स्ट ने खिताबी मुकाबले में हैट ट्रिक लगाई और पश्चिम जर्मनी को 4-2 से मायूसी हाथ लगी. पश्चिम जर्मनी हारा.
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म्यूनिख 1974
अपने ही देश में खेले गए फाइनल मुकाबले में पश्चिम जर्मनी ने पड़ोसी मुल्क नीदरलैंड्स को 2-1 से हरा दिया. हालांकि गोल करने की शुरुआत नीदरलैंड्स ने दूसरे मिनट में ही कर दी थी, जब उन्हें पेनाल्टी मिल गई थी. लेकिन वह बढ़त बना कर नहीं रख पाया. पश्चिम जर्मनी जीता.
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1978 ब्यूनस आयर्स
एक बार फिर जीत मेजबान टीम के हाथ लगी. अर्जेंटीना में उस वक्त माराडोना का अवतरण नहीं हुआ था और सामने लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंची नीदरलैंड्स की टीम थी. 48 साल बाद फाइनल में पहुंची अर्जेंटीना की टीम ने इस बार बाजी 3-1 से मार ली. अर्जेंटीना जीता.
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1982 मैड्रिड
पश्चिम जर्मनी आठ साल बाद फिर फाइनल में पहुंचा. इस बार सामने इटली की टीम थी. जर्मनी की टीम अल्जीरिया से हार चुकी थी और उसके बाद ऑस्ट्रिया से कथित साठगांठ के आरोप भी लगे थे. भारी दबाव में खेल रही टीम मुकाबला 3-1 से गंवा बैठी. पश्चिम जर्मनी हारा.
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1986 मेक्सिको
यह पहला मौका था, जब फाइनल में यूरोप और लातिन अमेरिका की फुटबॉल शक्तियों का मुकाबला था. अर्जेंटीना में माराडोना आ चुके थे और उनका जलवा शबाब पर था. फाइनल में वह खुद तो गोल नहीं कर पाए लेकिन नतीजा 3-2 रहा. अर्जेंटीना जीता, पश्चिम जर्मनी हारा.
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1990 रोम
लगातार दूसरी बार वही टीमें फाइनल में पहुंचीं. बस इस बार मेजबान इटली था. माराडोना के जादू से एक बार फिर अर्जेंटीना को फाइनल तक पहुंचा गया. मैच के आखिरी मिनटों तक कोई टीम गोल नहीं कर पाई और फिर जर्मनी को पेनल्टी मिल गया. वह 1-0 से जीता, अर्जेंटीना हारा.
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योकोहामा 2002
एकीकृत देश के तौर पर जर्मनी पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचा. सामने दुनिया की सबसे मजबूत समझी जाने वाली ब्राजील की टीम थी. मिरोस्लाव क्लोजे उस टीम में भी थे. लेकिन तब गोल सिर्फ ब्राजील ने किए, वह 2-0 से जीता, जर्मनी हारा.