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मैं अंधविश्वासी हो रही हूं: सानिया मिर्जा

२२ मार्च २०११

सानिया मिर्जा ने हाल ही में अपना 10वां डब्ल्यूटीए डबल्स खिताब जीता. लेकिन अब उनके नजरिये में बदलाव आ गया है. उन्होंने खुद के लिए लक्ष्य तय करना छोड़ दिया है. अब वह रैंकिंग की भी परवाह नहीं करतीं.

तस्वीर: AP

सानिया ने रूस की एलेना वेसनिना के साथ मिलकर इंडियन वेल्स टेनिस टूर्नामेंट में डबल्स का खिताब हासिल किया. इस जीत के बाद वह टॉप 100 खिलाड़ियों में लौट आई हैं. लेकिन अब वह किसी जल्दबाजी में चोटिल नहीं होना चाहतीं.

तस्वीर: AP

सानिया मुकाबले खेलकर खुश हैं लेकिन वह किसी तरह का तनाव नहीं ले रही हैं. उन्होंने कहा, "मेरे लिए मुकाबलों में लौटना एक बोनस की तरह है. मुझे तो लगने लगा था कि मैं खेल ही नहीं पाऊंगी. मेरी कलाई कितनी खराब हो गई थी. पांच छह महीने खेल से दूर रहना मेरे लिए मानसिक तौर पर भी बहुत मुश्किल था. मुझे खेलना पसंद है, और बेशक जीतना भी. लेकिन जब भी मैं अपने लिए रैंकिंग का लक्ष्य तय करती हूं, चोट खा बैठती हूं. मैं थोड़ी अंधविश्वासी हो रही हूं, लेकिन अब मैं कोई लक्ष्य तय नहीं करना चाहती."

सानिया कहती हैं कि रैंकिंग का उनसे कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा, "आज तो किसी भी दिन हर कोई किसी को भी हरा सकता है. किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि रोजर फेडरर एक दिन में दो बार हार जाएंगे. वह सिंगल्स भी हारे और डबल्स भी. टेनिस ऐसा ही है. इसलिए रैंकिंग का इससे कोई लेना देना नहीं है."

भारतीय टेनिस स्टार मानती हैं कि डबल्स खेलने से उनके सिंगल्स के खेल में भी सुधार हुआ है. इसलिए अब वह अपनी नई साथी एलेना के साथ लंबे समय तक खेलने को तैयार हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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