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मैं मेरी कॉम से ज्यादा शर्मीली हूं: प्रियंका

८ सितम्बर २०१४

प्रियंका को अपनी नई फिल्म 'मेरी कॉम' से काफी उम्मीदें हैं. वह कहती हैं कि अगर फिल्म कामयाब नहीं हुई तो उनको काफी झटका लगेगा.

Priyanka Chopra Bollywood Schauspielerin
तस्वीर: Getty Images/AFP

बारह साल पहले तमिल फिल्म थमिझन से प्रियंका चोपड़ा ने अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा. इसके अगले साल 'द हीरो, लव स्टोरी ऑफ अ स्पाई' से वह हिन्दी फिल्मों आईं. उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा है. पांच बार विश्व मुक्केबाजी चैम्पियन रहीं एमसी मेरी कॉम का किरदार निभाना और अब तक का फिल्म इंडस्ट्री का सफर कैसा रहा, इस बारे में प्रियंका ने डॉयचे वेले के कुछ सवालों के जवाब दिए. पेश हैं उस बातचीत के मुख्य अंश.

डॉयचे वेले: मेरी कॉम का किरदार निभाना कितना कठिन था?

प्रियंका चोपड़ा: यह फिल्म कई लिहाज से मेरे लिए मुश्किल रही. अपने पिता के निधन के चार दिन बाद ही मैंने इसकी शूटिंग शुरू की थी. मेरे पिता ने इस किरदार के अनुरूप खुद को ढालने में मेरी काफी मदद की थी. मैंने भी इस फिल्म के लिए काफी मेहनत की है. मैने कई दिन मेरी कॉम के साथ बिताए और उनकी बॉक्सिंग के अंदाज का बारीकी से अध्ययन किया. मणिपुर के माहौल को समझने के लिए मैं वहां भी गई. पहले तो मैंने सोचा था कि यह भूमिका मेरे लिए आसान होगी. लेकिन शूटिंग आगे बढ़ने पर धीरे-धीरे समझ में आने लगा कि यह बेहद कठिन किरदार है. मुझे मेरी कॉम जैसे मसल्स बनाने के लिए तीन महीने तक काफी कसरत करनी पड़ी. शूटिंग के दौरान मेरे एक अंगूठे में काफी चोट लगी थी और अब भी उसमें दर्द रहता है.

मेरी कॉम अपने असली जीवन में कैसी हैं?

बॉक्सर का ख्याल दिमाग में आते ही किसी मोटे-ताजे शख्श की छवि उभरती है. लेकिन मेरी देखने में बिल्कुल वैसी नहीं है. वह एक सीधी-सादी महिला हैं. अपने जीवन पर फिल्म बनने की बात सुन कर वह काफी उत्साहित और उत्तेजित थीं. लेकिन उनमें गजब का आत्मविश्वास और किसी भी स्थिति में हार नहीं मानने का माद्दा है. उनका जीवन एक खुली किताब की तरह है. इसके साथ ही वह एक बेहतर मां और कुशल गृहिणी भी हैं.

आप खुद में और मेरी में क्या समानता देखती हैं?

हम दोनों छोटे शहरों से आई हैं और हमने पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में अपने लिए जगह बनाई है. मेरी भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विश्व चैम्पियन बनीं और मैंने भी मिस वर्ल्ड का खिताब जीता. हमारा स्वभाव भी काफी हद तक मिलता-जुलता है. मैं मेरी से ज्यादा शर्मीली हूं.

फिल्म देखने के बाद मेरी की प्रतिक्रिया कैसी रही?

मैं उस समय तुर्की में जोया अख्तर की फिल्म की शूटिंग कर रही थी. उसी समय निदेशक ओमंग कुमार ने फोन पर बताया कि मेरी को फिल्म बेहद पसंद आई है. उससे पहले मैं डर रही थी कि पता नहीं मैं मेरी के किरदार को परदे पर उतारने में कामयाब रही हूं या नहीं. लेकिन मेरी की प्रशंसा के बाद मुझे लगा कि मैंने अपने किरदार के साथ न्याय किया है और मेहनत सफल रही है. मेरी कॉम ने खुद कहा है कि मैं ही अकेली ऐसी अभिनेत्री हूं जो उनके किरदार को बेहतर तरीके से निभा सकती थी.

इस फिल्म से आपको क्या उम्मीदें हैं?

मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस फिल्म को पसंद करेंगे. तभी मेरी मेहनत कामयाब होगी. फिल्म कामयाब नहीं हुई तो मुझे काफी झटका लगेगा. भारत में इससे पहले कभी किसी महिला एथलीट पर कोई फिल्म नहीं बनी है.

फिल्मोद्योग में आपकी कामयाबी का राज क्या है?

कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता. जी-तोड़ मेहनत ही मेरी कामयाबी का मूल मंत्र है. मैं अपने हर किरदार में प्रवेश करने की पूरी कोशिश करती हूं ताकि वह परदे पर जीवंत लगे.

मेरी कॉम के बाद क्या योजना है?

इसके बाद मधुर भंडारकर की फिल्म मैडमजी की शूटिंग शुरू होगी. लेकिन अभी उसकी कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं. फिलहाल इसकी पटकथा का भी कुछ काम बाकी है.

इंटरव्यू: प्रभाकर, कोलकाता

संपादन: ईशा भाटिया

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