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मैक्स 737 ने बोइंग को भारी चपत लगाई

४ सितम्बर २०१९

बोइंग 737 मैक्स विमानों के दो हादसे इंश्योरेंस जगत और विमान निर्माता कंपनी बोइंग पर बहुत भारी पड़ रहे हैं. विश्लेषकों का अनुमान है कि मैक्स विमानों का हर्जाना विमान उद्योग की सबसे बड़ी रकम बनने वाला है.

Boeing 737 Max 8
तस्वीर: picture-alliance/dpa/AP/Yi-Chin Lee

एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग के डायरेक्टर मार्क-फिलिपे जूलियार्ड ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी पुष्टि की. जूलियार्ड ने कहा कि बीमा भुगतान नजरिए से देखें तो दो बोइंग 737 मैक्स विमानों का क्रैश "नागरिक उड्डयन के इतिहास में सबसे बुरे हादसों" में है. दोनों हादसों में 346 लोगों की मौत हुई.

दुर्घटनाओं के क्लेम के साथ साथ बीमा कंपनियों व विमान निर्माता कंपनी बोइंग को दुनिया भर में ग्राउंड किए गए बोइंग 737 मैक्स विमानों के लिए भी हर्जाना देना होगा. प्रोडक्शन और तकनीकी खामियां दूर करने में हो रही देरी की वजह से जिन एयरलाइन कंपनियों को नुकसान हो रहा है, उसकी भी भरपाई करनी होगी. जूलियार्ड के मुताबिक हर तरह के हर्जाने को मिलाकर यह राशि कितनी होगी, इसका अंदाजा लगाना अभी जल्दबाजी होगी. 

जितनी देरी उतना ज्यादा नुकसानतस्वीर: picture-alliance/Photoshot/J. Lerner

दो बड़े हादसों के बाद मार्च 2019 में दुनिया भर के देशों और एयरलाइनों ने बोइंग 737 मैक्स विमानों का परिचालन बंद कर दिया. तब से सारे जहाज खड़े हैं. अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग तकनीकी खामियों को दूर कर रही है, लेकिन काम कब तक पूरा होगा, इसे लेकर कोई साफ संकेत नहीं मिले हैं. लगातार आगे खिसकती तारीखों के बीच अब बीमा जगत को उम्मीद है कि दिसंबर 2019 तक बोइंग तकनीकी समस्या ठीक कर विमानों को फिर से उड़ने लायक बना देगी.

एस एंड पी ग्लोबल रेटिंग के डायरेक्टर जूलियार्ड कहते हैं, "हम अनुमानित लागत का पता तभी लगा पाएंगे जब विमान उड़ने लगेंगे...लेकिन एक बात साफ है कि रकम बहुत ही बड़ी है."

2019 में बोइंग को लगातार दूसरी तिमाही में भारी नुकसान हुआ है. 737 मैक्स के चलते कंपनी को दूसरी तिमाही में 3 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है. बोइंग के मुताबिक अब तक बोइंग 737 मैक्स विमानों की वजह से उसे 8 अरब डॉलर का घाटा हो चुका है. इनमें से 5.6 अरब डॉलर एयरलाइन कंपनियों को नुकसान की भरपाई के लिए देने हैं.

इतने देशों में ग्राउंड हैं बोइंग 737 मैक्स

737 मैक्स विमान का पहला हादसा 29 अक्टूबर 2018 को हुआ. इंडोनेशिया की लाएन एयर का वह विमान उड़ान भरने के 12 मिनट बाद तकनीकी दिक्कत के चलते समंदर में क्रैश हो गया. हादसे में विमान में सवार सभी 189 लोगों की मौत हो गई. दूसरा हादसा 10 मार्च 2019 को इथियोपियन एयरलाइंस के साथ हुआ. इस हादसे में विमान उड़ान भरने के कुछ छह मिनट बाद क्रैश हो गया. दोनों हादसों के पीछे एक जैसे कारण थे. टेक ऑफ के बाद एक ऑटोमैटिक सिस्टम विमान को बार बार नीचे झुका रहा था. पायलट तमाम कोशिश करते रहे लेकिन विमान की नाक ऊपर नहीं हुई और आखिरकार दोनों विमान एक ही तरीके से क्रैश हो गए.

इथियोपियन एयरलाइंस के हादसे के बाद बोइंग ने स्वीकार किया कि 737 मैक्स विमानों में नया मैनुवरिंग कैरेक्टर्स ऑग्युमेंटेशन सिस्टम लगा है. विमान की नाक अगर खतरनाक स्थिति तक ऊपर हो जाए तो यह सिस्टम उसे खुद ही नीचे कर देता है. लेकिन दोनों हादसों में सिस्टम बिल्कुल सामान्य परिस्थितियों में एक्टिव हुआ. सही और सुरक्षित टेक ऑफ के बावजूद सिस्टम पायलटों की कमांड खारिज करता रहा. जांच में ये बातें साफ होने के बाद दुनिया भर की 59 एयरलाइन कंपनियों ने 737 मैक्स विमानों को ग्राउंड कर दिया.

ओएसजे/आरपी (एएफपी)

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