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मैडम तुसाद में करीना कपूर का पुतला

१६ सितम्बर २०११

लगता है मैडम तुसाद म्यूजियम को बॉलीवुड से प्यार हो गया है. हिंदी फिल्मी सितारों के पुतले लगाने का ऐसा दौर चल रहा है कि हर साल एक दो सितारों के पुतले तो किसी तुसाद म्यूजियम में लगा ही दिए जाते हैं. नया नाम है करीना कपूर.

तस्वीर: AP

30 साल की हो चुकीं करीना कपूर का पुतला मैडम तुसाद म्यूजियम में लगाया जाएगा. यह सम्मान पाने वालीं वह छठी भारतीय फिल्मी हस्ती हैं. उनसे पहले अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, सलमान खान, रितिक रोशन और ऐश्वर्या राय का पुतला तुसाद कलेक्शन का हिस्सा बन चुका है.

लेकिन करीना कपूर इन लोगों के साथ नहीं रहेंगी. उनका पुतला लगाया जाएगा ब्लैकपूल म्यूजियम में. ब्लैकपूल उत्तर पश्चिमी इंग्लैंड का एक शहर है जो समुद्र के किनारे बसा है. वहां के मैडम तुसाद म्यूजियम में करीना अकेली भारतीय चेहरा होंगी. बाकी भारतीय सितारों के पुतले लंदन के म्यूजियम में लगाए गए हैं.

तस्वीर: AP

क्या करेगा करीना का पुतला

करीना का पुतला एक और बड़ी शुरुआत करने जा रहा है जो भारतीय हस्तियों के लिए खास है. करीना एक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी की शुरुआत करेंगी. इस प्रदर्शनी में बॉलीवुड के सभी छह सितारों के मोम के पुतलों को दुनिया के छह बड़े शहरों में ले जाया जाएगा और वहां के लोगों के सामने पेश किया जाएगा. इस प्रदर्शनी के लिए चुने गए शहरों में लंदन, हॉन्गकॉन्ग, बैंकॉक भी शामिल हैं.

जाहिर है इस सम्मान से करीना कपूर गदगद हैं. वह कहती हैं, "यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैडम तुसाद म्यूजियम में मेरा पुतला लगाया जाएगा. और उससे भी बड़ी बात है कि मुझे ग्लोबल बॉलीवुड एग्जिबिशन शुरू करने का मौका मिलेगा." करीना का पुतला अगले महीने म्यूजियम में पेश कर दिया जाएगा.

तस्वीर: AP

क्यों है भारतीय सितारों से प्यार

मैडम तुसाद की भारतीय सितारों के प्रति इतनी दिलचस्पी की वजह क्या हो सकती है? बेशक, एक बड़ी वजह है पैसा. अब आप किसी भी बड़े मैडम तुसाद म्यूजियम में जाएं, तो वहां टिकट की लाइन में आपको कई भारतीय नजर आते हैं. यानी तुसाद म्यूजियम इस बात को समझ रहा है कि भारतीय पर्यटक दुनियाभर में घूम रहे हैं. यानी बर्लिन या एम्सटर्डम में कोई भारतीय पर्यटक हो तो तुसाद म्यूजियम चाहेगा कि वह टिकट खरीदकर म्यूजियम की सैर करे. यही तो उसकी आय का जरिया है.

लेकिन भारतीय पर्यटक को आकर्षित कैसे किया जाए? भारतीय सितारों के पुतले इसके काम आ रहे हैं. इन पुतलों के जरिए तुसाद म्यूजियम को भारत में चर्चा मिलती है और पर्यटकों का आकर्षण बढ़ता है. इससे भारतीय सितारों को दुनिया में प्रसिद्धी मिल जाती है और तुसाद म्यूजियम को भारत में. सबका फायदा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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