1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

मैनचेस्टर यूनाइटेड ने शाल्के को रौंदा

२७ अप्रैल २०११

शाल्के का शिकार कर मैनचेस्टर यूनाइटेड चैंपियंस लीग के फाइनल के करीब पहुंचा. फर्स्ट लेग सेमीफाइनल में मैनचेस्टर यूनाइटेड ने जर्मन क्लब शाल्के को उसी के घर में 2-0 से हरा दिया. दोनों के बीच अगला मैच मैनचेस्टर में होगा.

तस्वीर: dapd

शुरू के 20 मिनट में ही पता चल गया कि इस बार शाल्के की खैर नहीं. मैनचेस्टर यूनाइटेड ने शुरुआत से ही सटीक पास देते हुए शाल्के की बेहद कमजोर रक्षापंक्ति को तहस नहस करना शुरू कर दिया. मौजूदा दौर के बेहतरीन गोलकीपरों में गिने जाने वाले शाल्के के कप्तान मानुएल नोएर अकेले मैनचेस्टर यूनाइटेड से लोहा लेते दिखे.

पहले हाफ में ही इंग्लिश क्लब मैन-यू ने छह जोरदार शॉट शाल्के के गोलपोस्ट पर मारे. लेकिन गेंद नोएर से पार न पा सकी. इन हमलों के जबाव में शाल्के का काउंटर अटैक फुस्स साबित हुआ. पूरे खेल के दौरान एक भी ऐसा मौका नहीं आया, जब शाल्के के पांच खिलाड़ियों ने लगातार पांच पास बनाए हों. ऐसी टीम से जीत की उम्मीदें बेमानी थीं.

नोएर और अनुभवी राउल के अलावा शाल्के के बाकी खिलाड़ी बच्चों की तरह फुटबॉल खेलते नजर आए. जरा सा मूव बनाने के बाद वे खुद मैन-यू को पास दे बैठते और फिर गेंद सीधी शाल्के के गोल पोस्ट के सामने टप्पे खाती. मैन-यू के बढ़िया डिफेंस ने मिडफील्डरों और फॉरवर्ड खिलाड़ियों के लिए शानदार मूव बनाए. इसके चलते गिग्स, वेलेंसिया और वेन रूनी की तिकड़ी शाल्के के सिर पर सवार रही.

हाफ टाइम तक स्कोर 0-0 था. फिर मैनचेस्टर यूनाइटेड के कोच सर एलेक्स फर्गुसेन ने रणनीति बदली. उन्होंने शाल्के के गोल पोस्ट पर बाएं दाएं कोनों से हमला करने के बजाए गेंद लाइन से आगे बढ़ाने की रणनीति अपनाई. शाल्के का कमजोर डिफेंस जब तक कुछ समझ पाता, तब तक दो गोल हो चुके थे. पहला गोल 67 वें मिनट में गिग्स ने किया और तीन मिनट बाद ही वेन रूनी ने अकेले खड़े नोएर को छकाते हुए गेंद को गोल पोस्ट के दर्शन कराए.

नौसिखियों की तरह खेलते शाल्के के खिलाड़ियों ने कप्तान नोएर को भी झल्लाने पर मजबूर कर दिया. पहले और दूसरे गोल के बाद नोएर डिफेंस कर रहे खिलाड़ियों पर चीख पड़े. इस तरह शाल्के का फ्लाप शो खत्म हुआ.

चैंपियंस लीग में दो टीमों के बीच दो-दो मुकाबले होते हैं. दोनों टीमें अपने अपने मैदान पर एक एक मैच खेलती है. दूसरी टीम के मैदान पर खेलने वाली टीम का एक गोल दो गोलों के बराबर गिना जाता है. इस लिहाज से अब शाल्के को मैनचेस्टर को हराने के लिए मैनचेस्टर में ही कम से कम पांच गोल दागने होंगे. मंगलवार का मैच देखने के बाद शाल्के से पांच गोल करने की उम्मीद करना बेमानी लगता है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें