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'मैने फैलाई इराक में महाविनाश के हथियार की झूठी बात'

१६ फ़रवरी २०११

इराक के पूर्व राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन की पार्टी छोड़ कर जाने वाले एक नेता का कहना है कि उसने इराक पर हमले का कारण बने महाविनाश के हथियारों की झूठी खबर फैलाई थी. मंगलवार को ब्रिटेन के गार्जियन अखबार में रिपोर्ट छपी है.

तस्वीर: AP

गार्जियन में छपी रिपोर्ट के मुताबिक रफीद अहमद अलवान अल जनाबी ने सद्दाम हुसैन से छुटकारा पाने के लिए झूठ बोला था. अलवान अल जनाबी को जर्मन और अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कर्वबॉल कोड नाम दिया था. उसने जर्मन खुफिया एजेंसी बीएनडी को खबर दी थी कि इराक के पास मोबाइल जैविक हथियारों के ट्रक हैं और उसने खुफिया जगहों पर इन हथियारों की फैक्टरी बना रखी है.

तस्वीर: AP

अलवान अल जनाबी ने गार्जियन से कहा है कि जब दूसरे कई सूत्रों से उसकी बात का खंडन किया गया तो उसने भी अपनी बात वापस ले ली लेकिन बीएनडी लगातार उसकी बातों पर भरोसा करती रही. ये गलत जानकारियां ही पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री कॉलिन पॉवेल के संयुक्त राष्ट्र में 5 फरवरी 2003 को दिए भाषण का आधार बनी. पॉवेल ने अपने भाषण में 'एक इराकी रसायनिक इंजीनियर' के रूप में जनाबी का जिक्र किया जिसने इन फैक्ट्रियों की देखभाल की थी. पॉवेल ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, "दरअसल वो जैविक पदार्थों के बनने के दौरान वहां मौजूद था और उस वक्त भी जब 1998 में वहां हादसा हुआ."

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सद्दाम शासन को गिराने का मौका

जनाबी ने अखबार से कहा, "हो सकता है कि मैं सही हूं या फिर ये भी कि मैं गलत हूं. उन लोगों ने मुझे मौका दिया. मेरे पास एक मौका था कि मैं जाल बुन कर सत्ता को गिरा दूं. मुझे और मेरे बेटों को इस बात पर गर्व है कि हम इराक को लोकतंत्र तक पहुंचाने वाले कारणों में से एक रहे हैं. मुझे अपने देश के लिए कुछ करना था इसलिए मैने ऐसा किया और मैं संतुष्ट हूं क्योंकि देश में अब कोई तानाशाह नहीं है."

इराक युद्ध के कारण एक लाख से ज्यादा आम लोगों की मौत हुई और अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश, रक्षा मंत्री डोनाल्ड रम्सफेल्ड और उनके सहयोगी ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की राजनीतिक छवि धूमिल हुई. रम्सफेल्ड ने पिछले महीने जारी हुए अपने संस्मरण में माना है कि उन्होंने सद्दाम के पास महाविनाश के हथियार होने का दावा कर 'गलती' की थी. रम्सफेल्ड ने यहां तक कहा था कि ये हथियार बगदाद और टिकरित में हैं. जनाबी ने कहा है कि पॉवेल का भाषण सुन कर वह भौचक्का रह गया, हालांकि उसने इस विवाद में अपनी भूमिका कम करके बताई है. जनाबी ने कहा है, " पॉवेल ने ये नहीं कहा कि मैं अकेला जंग के लिए जिम्मेदार था, पॉवेल ने तीन कारण गिनाएः यूरेनियम, इराक में अल कायदा और मेरी जैविक हथियारों वाली कहानी."

तस्वीर: AP

करार तोड़ने का आरोप

जनाबी ने जर्मन खुफिया एजेंसी बीएनडी पर करार तोड़ने का आरोप लगाया है. जनाबी के मुताबिक ये तय हुआ था कि बीएनडी इस जानकारी को और देशों तक नहीं पहुंचाएगा. डॉ पॉल नाम का एक जर्मन खुफिया अधिकारी 2000 में जनाबी के संपर्क में आया. जनाबी उसके लिए बगदाद में प्रशिक्षित केमिकल इंजीनियर था जिसके पास सद्दाम हुसैन की सत्ता के बारे में अंदर की खुफिया जानकारी थी.

जनाबी 1995 में इराक से भाग गया. उसने बीएनडी से झूठ बोला कि सद्दाम हुसैन के पास जैविक हथियार ले जाने वाले ट्रक हैं और उसने वो फैक्ट्रियां भी बना ली हैं जहां इन हथियारों का निर्माण हो रहा है. हालांकि बाद में बीएनडी ने इराक के मिलिट्री इंडस्ट्री कमीशन में जनाबी के बॉस रहे बासिल लतीफ के बयान के आधार पर उससे दोबारा पूछताछ की. बासिल लतीफ ने कहा था कि इराक के पास न तो ऐसा कोई ट्रक है, न फैक्ट्री. तब जनाबी ने बीएनडी से कहा, "ठीक है जब लतीफ कह रहे हैं कि ट्रक नहीं हैं तो नहीं होगा." हालांकि जनाबी के ऐसा कहने के बावजूद बीएनडी उसके पुराने दावे पर भरोसा करती रही. 2002 में खुफिया अधिकारियों ने जनाबी से ये भी कहा कि अगर उसने सहयोग करने से इनकार किया तो उसकी गर्भवती बीवी उसके पास जर्मनी नहीं आ पाएगी.

हालांकि जनाबी का ये भी कहना है कि उसने जर्मनी में शरण पाने के लिए झूठ नहीं बोला था उसका मकसद केवल सद्दाम हुसैन को कुर्सी से हटाना था. जनाबी के मुताबिक सद्दाम को हटाने का उसके पास इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा था.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः महेश झा

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