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मैर्केल की अफ्रीका यात्रा में प्रवासी मुद्दा छाया रहा

३१ अगस्त २०१८

एक अच्छी जिंदगी की चाह में अफ्रीकी देशों से हर साल बड़ी संख्या में लोग यूरोप पहुंचते हैं. अंगेला मैर्केल समेत कई यूरोपीय नेता अब ये मानने लगे हैं कि अगर अफ्रीका में निवेश बढ़ेगा तो माइग्रेशन में कटौती होगी.

Kanzlerin Merkel besucht Nigeria
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kappeler

जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल के तीन दिवसीय अफ्रीकी दौरे का आखिरी पड़ाव रहा नाइजीरिया. यहां उन्होंने देश के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी से मुलाकात की. इस अफ्रीका यात्रा में मैर्केल जर्मन कंपनियों के दर्जन भर अधिकारियों के साथ घाना और सेनेगल भी गईं. ये देश अफ्रीकी महाद्वीप में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं हैं. यूरोप में अफ्रीकी देशों से हर साल बड़ी तादाद में प्रवासी आते हैं. जिसके चलते अब कई यूरोपीय नेता ये मानने लगे हैं कि अगर पश्चिम अफ्रीकी देशों में निवेश को बढ़ाया जाए तो इन प्रवासियों की संख्या में कमी आएगी. मैर्केल भी इसी उद्देश्य के साथ अफ्रीका की यात्रा पर गई थीं ताकि वहां मौजूद निवेश अवसरों को प्रोत्साहन दिया जा सके. मैर्केल ने इकोनॉमिक कम्युनिटी ऑफ वेस्ट अफ्रीकन स्टेट्स (ईसीओडब्लयूएएस) के अध्यक्ष ज्यां-क्लाउद ब्राऊ से भी मुलाकात की.

कई अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी अफ्रीका देशों में अब रुचि दिखा रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक अफ्रीका की जनसंख्या साल 2050 तक दोगुनी हो जाएगी. फिलहाल तो नाइजीरिया में लोगों के लिए मौके खोजना आसान नहीं है. कुछ नाइजीरियाई लोग वर्ल्ड पॉवर्टी क्लॉक के उस डाटा पर भी चिंता प्रकट करते हैं, जिसमें कहा गया है कि उनका देश गरीबी से जूझते लोगों की संख्या में भारत को पीछे छोड़ देगा. गरीबी के अतिरिक्त देश में भ्रष्टाचार भी एक बड़ी समस्या है. साल 2017 के एक आंकड़ें मुताबिक एक-तिहाई नाइजीरियाई लोग विदेश में जाकर काम करने को ज्यादा तवज्जो देते हैं.

इस बीच ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेजा मे ने नाइजीरिया को मदद करने के लिए फ्रांस के साथ एक प्रोजेक्ट शुरू करने की घोषणा की है.

एए/एनआर(एपी)

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